Social Sciences, asked by santoshsinha150583, 1 month ago

क्लास नाइंथ मछली पालन कौन सी क्रिया के अंतर्गत सम्मिलित किया जाता है​

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Answered by kk3942635kgmailcom
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Machhli palan

Prathmik kirya ke antrgat aata hai

Answered by Anonymous
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Answer:

मछली जलीय पर्यावरण पर आश्रित जलचर जीव है तथा जलीय पर्यावरण को संतुलित रखने में इसकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

Explanation:

मछली जलीय पर्यावरण पर आश्रित जलचर जीव है तथा जलीय पर्यावरण को संतुलित रखने में इसकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह कथन अपने में पर्याप्त बल रखता है जिस पानी में मछली नहीं हो तो निश्चित ही उस पानी की जल जैविक स्थिति सामान्य नहीं है। वैज्ञानिकों द्वारा मछली को जीवन सूचक (बायोइंडीकेटर) माना गया है। विभिन्न जलस्रोतों में चाहे तीव्र अथवा मन्द गति से प्रवाहित होने वाली नदियां हो, चाहे प्राकृतिक झीलें, तालाब अथवा मानव-निर्मित बड़े या मध्यम आकार के जलाशय, सभी के पर्यावरण का यदि सूक्ष्म अध्ययन किया जाय तो निष्कर्ष निकलता है कि पानी और मछली दोनों एक दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। पर्यावरण को संतुलित रखने में मछली की विशेष उपयोगिता है।

महत्व :  शरीर के पोषण तथा निर्माण में संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। संतुलित आहार की पूर्ति विभिन्न खाद्य पदार्थों को उचित मात्रा में मिलाकर की जा सकती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज लवण आदि की आवश्यकता होती है जो विभिन्न भोज्य पदार्थों में भिन्न-भिन्न अनुपातों में पाये जाते हैं। स्वस्थ शरीर के निर्माण हेतु प्रोटीन की अधिक मात्रा होनी चाहिए क्योंकि यह मांसपेशियों, तंतुओं आदि की संरचना करती है। विटामिन, खनिज, लवण आदि शरीर की मुख्य क्रियाओं को संतुलित करते हैं। मछली, मांस, अण्डे, दूध, दालों आदि का उपयोग संतुलित आहार में प्रमुख रूप से किया जा सकता है। मछलियों में लगभग 70 से 80 प्रतिशत पानी, 13 से 22 प्रतिशत प्रोटीन, 1 से 3.5 प्रतिशत खनिज पदार्थ एवं 0.5 से 20 प्रतिशत चर्बी पायी जाती है। कैल्शियम, पोटैशियम, फास्फोरस, लोहा, सल्फर, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, मैग्नीज, आयोडीन आदि खनिज पदार्थ मछलियों में उपलब्ध होते हैं जिनके फलस्वरूप मछली का आहार काफी पौष्टिक माना गया है। इनके अतिरिक्त राइबोफ्लोविन, नियासिन, पेन्टोथेनिक एसिड, बायोटीन, थाइमिन, विटामिन बी12, बी 6 आदि भी पाये जाते हैं जोकि स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं। विश्व के सभी देशों में मछली के विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर उपयोग में लाये जाते हैं। मछली के मांस की उपयोगिता सर्वत्र देखी जा सकती है। मीठे पानी की मछली में वसा बहुत कम पायी जाती है व इसमें शीघ्र पचने वाला प्रोटीन होता है। सम्पूर्ण विश्व में लगभग 20,000 प्रजातियां व भारत वर्ष में 2200 प्रजातियां पाये जाने की जानकारी हैं। गंगा नदी प्रणाली जो कि भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है, में लगभग 375 मत्स्य प्रजातियां उपलब्ध हैं।[तथ्य वांछित] वैज्ञानिकों द्वारा उत्तर प्रदेश व बिहार में 111 मत्स्य प्रजातियों की उपलब्धता बतायी गयी है।

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