"काली तू, रजनी भी काली, शासन की करनी भी काली, काली लहर कल्पना काली, मेरी कालकोठरी काली, टोपी काली, कमली काली, मेरी लौह-श्रिंखला काली, पहरे की हुंकृति की ब्याली, तिस पर है गाली ऐ आली! इस काले संकट सागर पर मरने की मदमाती, कोकिल बोलो तो! अपने चमकीले गीतों को क्योंकर हो तैराती कोकिल बोलो तो!
क) कवि और कविता का नाम बताएं। *
नवनीत सिकेरा, कोकिला
माखनलाल चतुर्वेदी, कैदी और कोकिला
जया जादवानी, कैदी की पुकार
महादेवी वर्मा, मैं नीर भरी दुख की बदली
ख) पद्यांश में से रूपक अलंकार है- *
"लौह-श्रृंखला" में
"हुंकृति की ब्याली" में
"संकट-सागर" में
"चमकीले गीतों" में
ग) मुख्य रूप से गद्यांश में कौन सा अलंकार है? *
अनुप्रास
यमक
उपमा
पुनरुक्ति-प्रकाश
घ) "ब्याली" शब्द का अर्थ है- *
सर्पिणी
बाघिन
शेरनी
राक्षसी
च) कवि ने शासन की करनी को काली कहा है क्योंकि *
इस शासन में कभी सूर्य उदय नहीं होता
कवि को काली टोपी और काला कंबल मिला था। साथ ही उसकी कोठरी और जंजीरें भीभी काली थीं।
अंग्रेजी शासन में न्याय-व्यवस्था एकदम बेकार थी।
इनमें से कोई नहीं
Answers
क) कवि और कविता का नाम बताएं।
✔ माखनलाल चतुर्वेदी, कैदी और कोकिला
➲ इस कविता के कवि का नाम ‘माखनलाल चतुर्वेदी’ और कविता का नाम ‘कैदी और कोकिला’ है।
ख) पद्यांश में से रूपक अलंकार है-
✔ "संकट-सागर" में
➲ पद्यांश में ‘संकट-सागर’ में रूपक अलंकार है, क्योंकि यहाँ पर उपमेय को ही उपमान बना दिया गया है।
ग) मुख्य रूप से पद्यांश में कौन सा अलंकार है?
✔ अनुप्रास
➲ मुख्य रूप इस इस पद्यांश में ‘अनुप्रास अलंकार’ है, क्योंकि इस पद्यांश में ‘क’ वर्ण की अनेक बार आवृत्ति हुई है।
घ) "ब्याली" शब्द का अर्थ है-
✔ सर्पिणी
➲ ‘ब्याली’ शब्द का अर्थ है, ‘सर्पिणी’।
च) कवि ने शासन की करनी को काली कहा है क्योंकि
✔ अंग्रेजी शासन में न्याय-व्यवस्था एकदम बेकार थी।
➲ कवि ने शासन की करनी को काली इसलिये कहा है, क्योंकि अंग्रेजी शासन में न्याय नाम की कोई व्यवस्था नही थी और भारतीयों के प्रति अन्याय का बोलबाला था।
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