कोलकाता कविता का सारांश इन हिंदी
Answers
Answered by
5
Answer:
कवि अरूण जी जब कलकत्ता के नए रूप को देखते है तो उन्हें लगता है कि क्या ये वही शहर कलकत्ता है क्योंकि अब यहां अनेक परिवर्तन हो चुके हैं। पहले उनके घर में एक बत्ती टिमटिमाती थी अब यह शहर रोशनियों से खचाखच भरा है। उस शहर में किसी का हुक्म नहीं चलता था। ... कवि कहते है कि नदी सूखी हो या भरी हुई मै यहां आऊंगा।
vivekbt42kvboy:
hy
Answered by
1
Answer:
कृपा कविता को भी लिखकर या फोटो खिंचकर भेजें
Similar questions