Chemistry, asked by imles, 7 months ago

कोलराॅश नियम क्या है? इसके दो अनुप्रयोग लिखिए।​

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Answered by mmanjeetkaurin
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Answer:

अनंत तनुता पर किसी विधुत अपघट्य की मोलर चालकता उसके द्वारा दिए गए धनायन व ऋणायन की मोलर आयनिक चालकता के योग के बराबर होती हैं।

अतः Λm0 = ν+ λ+0 + ν– λ–0

यहाँ Λm0 सीमांत मोलर चालकता

ν+ व ν– = धनायन व ऋणायन की संख्या

λ+0 व λ–0 = क्रमशः धनायन व ऋणायन की मोलर आयनिक चालकताएँ है।

कोलराउश नियम(Kohlrausch’s law) के अनुसार अनंत तनुता पर विधुत अपघट्य का पूर्णरूप से आयनन हो जाता है , विलयन की कुल मोलर चालकता में प्रत्येक आयन अपने हिस्से का योगदान करता है यह योगदान उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है न की सह आयन की प्रकृति पर।

उदाहरण :

(1) NaCl ⇌ Na+ + Cl–

Λm0 (NaCl) = λNa+0 + λCl-0

(2) KCl ⇌ K+ + Cl–

Λm0 (KCl) = λK+0 + λCl-0

कोलराउस के अनुप्रयोग

कोलराउस के अनुप्रयोगदुर्बल विद्युत की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता या आणविक चालकता का निर्धारण– इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता और आणविक चालकता प्रबल विद्युत अपघट्य में धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जा सकती है।

कोलराउस के अनुप्रयोगदुर्बल विद्युत की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता या आणविक चालकता का निर्धारण– इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता और आणविक चालकता प्रबल विद्युत अपघट्य में धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जा सकती है।Λ∞m(CH₃COOH) = Λ∞m(Hcl) + Λ∞m(CH₃COONa) – Λ∞m(Nacl), = Λ∞H⁺ + Λ∞cl⁻ + Λ∞Na⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻ – Λ∞Na⁺ – Λ∞cl⁻, = Λ∞H⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻

कोलराउस के अनुप्रयोगदुर्बल विद्युत की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता या आणविक चालकता का निर्धारण– इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता और आणविक चालकता प्रबल विद्युत अपघट्य में धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जा सकती है।Λ∞m(CH₃COOH) = Λ∞m(Hcl) + Λ∞m(CH₃COONa) – Λ∞m(Nacl), = Λ∞H⁺ + Λ∞cl⁻ + Λ∞Na⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻ – Λ∞Na⁺ – Λ∞cl⁻, = Λ∞H⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻वियोजन की मात्रा– वियोजन की मात्रा (∝) = Λc (किसी सांद्रता पर तुल्यांकी चालकता)/Λ∞ (अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता)

कोलराउस के अनुप्रयोगदुर्बल विद्युत की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता या आणविक चालकता का निर्धारण– इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता और आणविक चालकता प्रबल विद्युत अपघट्य में धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जा सकती है।Λ∞m(CH₃COOH) = Λ∞m(Hcl) + Λ∞m(CH₃COONa) – Λ∞m(Nacl), = Λ∞H⁺ + Λ∞cl⁻ + Λ∞Na⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻ – Λ∞Na⁺ – Λ∞cl⁻, = Λ∞H⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻वियोजन की मात्रा– वियोजन की मात्रा (∝) = Λc (किसी सांद्रता पर तुल्यांकी चालकता)/Λ∞ (अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता)Λ∞ = Λ∞a + Λ∞b, Λ∞ = Λ∞₊ + Λ∞₋, ∝ = Λc/Λ∞₊ + Λ∞₋

कोलराउस के अनुप्रयोगदुर्बल विद्युत की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता या आणविक चालकता का निर्धारण– इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता और आणविक चालकता प्रबल विद्युत अपघट्य में धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जा सकती है।Λ∞m(CH₃COOH) = Λ∞m(Hcl) + Λ∞m(CH₃COONa) – Λ∞m(Nacl), = Λ∞H⁺ + Λ∞cl⁻ + Λ∞Na⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻ – Λ∞Na⁺ – Λ∞cl⁻, = Λ∞H⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻वियोजन की मात्रा– वियोजन की मात्रा (∝) = Λc (किसी सांद्रता पर तुल्यांकी चालकता)/Λ∞ (अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता)Λ∞ = Λ∞a + Λ∞b, Λ∞ = Λ∞₊ + Λ∞₋, ∝ = Λc/Λ∞₊ + Λ∞₋अल्प विलेय लवण की विलेयता की गणना

कोलराउस के अनुप्रयोगदुर्बल विद्युत की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता या आणविक चालकता का निर्धारण– इस नियम के उपयोग से दुर्बल विद्युत अपघट्य की तुल्यांकी चालकता और आणविक चालकता प्रबल विद्युत अपघट्य में धनायनो और ऋणायनो की चालकता के मानो का गणितीय समायोजन कर ज्ञात की जा सकती है।Λ∞m(CH₃COOH) = Λ∞m(Hcl) + Λ∞m(CH₃COONa) – Λ∞m(Nacl), = Λ∞H⁺ + Λ∞cl⁻ + Λ∞Na⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻ – Λ∞Na⁺ – Λ∞cl⁻, = Λ∞H⁺ + Λ∞CH₃Coo⁻वियोजन की मात्रा– वियोजन की मात्रा (∝) = Λc (किसी सांद्रता पर तुल्यांकी चालकता)/Λ∞ (अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता)Λ∞ = Λ∞a + Λ∞b, Λ∞ = Λ∞₊ + Λ∞₋, ∝ = Λc/Λ∞₊ + Λ∞₋अल्प विलेय लवण की विलेयता की गणनाकोलराउस के नियम की सहायता से अल्प विलेय लवण जैसे AgCl, BaSO₄, PbSO₄ इत्यादि की विलेयता की गणना की जा सकती है। यह लवण जल में बहुत कम घुलनशील होते हैं। जब इन्हें जल में घोला जाता है तब इनकी बहुत कम मात्रा पानी में घुलती है और बहुत सा लवण शेष रहता है।

अतः इनका संतृप्त विलयन बन जाता है। चूंकि लवण अल्प विलेय हैं इसलिए विलयन संतृप्त होते हुए भी तनु होता है और इसमें लवण पूर्ण रूप से आयनित अवस्था में होगा। इस विलयन की आणविक चालकता अनंत तनुता पर आणविक चालकता के बराबर होती है।

Answered by rahul123437
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कोहलरॉश कानून कहता है कि अनंत तनुकरण पर, प्रत्येक आयन अपने सह-आयन से स्वतंत्र रूप से पलायन करता है और अन्य आयन की प्रकृति की परवाह किए बिना इलेक्ट्रोलाइट की कुल दाढ़ चालकता में अपना योगदान देता है।

Explanation:

  • अनंत तनुता पर एक आयन का प्रवास विलायक की प्रकृति और संभावित प्रवणता पर निर्भर करता है, लेकिन मौजूद अन्य आयनों पर नहीं
  • शून्य सांद्रता पर किसी भी इलेक्ट्रोलाइट की दाढ़ चालकता की गणना के लिए कानून का उपयोग किया जाता है।
  • शून्य सान्द्रता पर विद्युत् अपघट्य की मोलर चालकता धनायन की मोलर चालकता और अनंत तनुता पर आयनों की मोलर चालकता के योग के बराबर होती है।

कोहलरॉश के नियम के अनुप्रयोग:

(1) इसका उपयोग किसी भी इलेक्ट्रोलाइट की दाढ़ चालकता का मूल्यांकन अनंत कमजोर पड़ने या शून्य एकाग्रता पर किया जा सकता है जिसे प्रायोगिक रूप से मापा नहीं जा सकता है।

(2) दुर्बल विद्युत् अपघट्यों के लिए  समान धनायनों या ऋणायनों वाले प्रबल विद्युत अपघट्यों के  मानों से प्राप्त किया जा सकता है।

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