कोलराउस का नियम क्या है?किसी विलयन की चालकता तनुता के साथ क्यों घटती है?
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कोलराउस के नियम के अनुसार किसी विद्युत अपघट्य की मोलर चालकता का मान उस विद्युत अपघट्य के धनायन तथा ऋणायन की मोलर आयनिक चालकता या उनकी अलग-अलग मोलर आयनिक चालकता के योग के बराबर होता है, अर्थात किसी विद्युत अपघट्य विलयन की मोलर चालकता का मान उस विद्युत अपघट्य के आयनों की प्रकृति पर निर्भर करता है जिनसे मिलकर उस विद्युत अपघट्य विलयन का निर्माण हुआ है। अन्नत तनुता पर किसी विद्युत अपघट्य की मोलर चालकता का मान उसके धनायन और ऋण आयन दोनों के कारण उत्पन्न हुई मोलर चालकता के योग के बराबर होता है। इस मोलर चालकता कुछ मोलर चालकता धनायन प्रदान करता है और कुछ ऋणायन प्रदान करता है। इस प्रकार कुल विद्युत अपघट्य विलयन की मोलर चालकता का मान दोनों आयनों के योग के बराबर होता है।
किसी विलयन के तनुकरण करने पर उस विलयन का आयतन तो बढ़ जाता है लेकिन उस विलयन में उपस्थित आयनों की संख्या समान रहती है, इस कारण प्रति इकाई आयतन में आयनों की संख्या घटती जाती है, और विद्युत प्रवाह की चालकता में कमी आती है। इसी कारण किसी विलयन की चालकता तनुता के साथ घटती जाती है।