India Languages, asked by rohitmeena967692, 5 months ago

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Answered by msjayasuriya4
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शौर्य, कार्यकुशलता और लोकप्रियता अद्भुत संगम हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह

प्रभावशाली व्यक्ति Jul 25, 2020 288 Add to Reading List

वे दो बार कांग्रेस को जीत दिला कर मुख्यमंत्री बन चुके हैं ।

शौर्य, कार्यकुशलता और लोकप्रियता अद्भुत संगम हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चंद गिने-चुने राजनेताओं में से हैं जो एक राजा, एक फौजी और राजनेता तीनों का मिश्रण हैं। वे कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं और पंजाब में कांग्रेस को बार-बार सत्ता दिलाने में उनका खासा योगदान रहा है। पंजाब की राजनीति में उन्होंने अपना इतिहास बनाया है। वर्ष 2017 में जब पूरे देश में भाजपा की लहर थी, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब की 117 विधान सभा सीटों में से कुल 77 सीटें जीतकर बहुतमत हासिल किया। वे पहले भी एक बार फुल टर्म पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके सुशासन और कार्यकुशलता का लोहा उनके विपक्षी भी मानते हैं।

11 मार्च 1942 को जन्मे अमरिंदर सिंह पटियाला राजघराने से आते हैं। उनके पिता यादविंदर सिंह पंजाब प्रांत के आईजी पुलिस रह चुके हैं। उनकी माता का नाम का नाम महारानी मोहिंदर कौर था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वेल्हम बॉयज स्कूल और लॉरेन्स स्कूल सनावर से हुई। देश सेवा के लिए वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी ज्वाइन कर एक सैन्य अधिकारी बने। 1963 में सेना उन्हें कमीशंड ऑफिसर के तौर पर सेना में शामिल किया गया, लेकिन 1965 में इस्तीफा दे दिया। उसी साल पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ने पर वे पुन: सेना में शामिल हो गये और सिख रेजीमेंट के कैप्टन के तौर पर उन्होंने युद्ध में हिस्सा भी लिया। युद्ध कौशल में माहिर अमरिंदर सिंह पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन हैं। मुख्यमंत्री होने के साथ- साथ ये इंडियन नेशनल कांग्रेस के पंजाब कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। उनकी पत्नी प्रणीत कौर भी राजनीति में हैं और मनमोहन सिंह सरकार पार्ट-2 में विदेश राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं।

राजीव गांधी के करीबी रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह 1980 में कांग्रेस में शामिल हुए और उसी साल लोकसभा के लिए चुने गये। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के खिलाफ उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। फिर वे शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गये और तलवंडी साबो हलके से चुनाव जीत कर विधायक बने। वे राज्य के कृषि और पंचायती राज मंत्री बने। 1992 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल छोड़ दिया और अलग से शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) का गठन किया। 1998 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की करारी हार हुई। वे भी पटियाला से चुनाव हार गये। उन्होंने अपनी पार्टी का 1998 में कांग्रेस में विलय कर दिया। वे 1999 से 2002 तथा 2010 से 2013 तक पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और 2002 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे।

कांग्रेस में आलाकमान के करीबी अमरिंदर सिंह किसी भी मसले पर बेधड़क राय रखते हैं। वे पंजाब की राजनीति के कद्दावर नेता और अकाली दल की सियासी नाकामी के मुखर विरोधी रहे हैं। 2014 में लोकसभा चुनावों में कैप्टन सिंह ने अमृतसर सीट पर बीजेपी के हाई प्रोफाइल नेता अरुण जेटली को पराजित किया। वे दिल्ली पहुंचे, लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव के लिए अकाली दल बीजेपी के खिलाफ मुहिम चलाते रहे। कांग्रेस ने उन्हें पुन: राज्य में पार्टी की कमान सौंपी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस 77 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। प्रकाश सिंह बादल को सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह 16 मार्च 2017 को राज्य के 26वें मुख्यमंत्री बने ।

सेना में रहे अमरिंदर सिंह कभी हार नहीं मानने वाले जुझारू राजनेता के तौर हैं। वे विरोधियों की नाकामी को सियासी मुद्दा बनाने से नहीं चूकते। वे अपनी बातों को सहज तरीके से कहते हैं जो आम जनता को अपने दिल के करीब लगता है। पटियाला राजपरिवार के होने के बावजूद किसानों की समस्याओं को लेकर फिक्रमंद रहते हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह नेक शख्सियत होने के बावजूद प्रशासनिक गलती के मामले में जीरो टॉलरेंस उनके कार्य कौशल को उत्कृष्ट बनाता है। इसके साथ वे अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने अंग्रेजी में ' द लास्ट सनसेट' और 'द राइज एंड फॉल ऑफ द लाहौर दरबार' नाम से दो किताबें लिखी है। उनके लिए पंजाब के किसान और युवा प्राथमिकता हैं। वे किसानों को बिजली, कर्ज माफी, सस्ते ऋण और पैदावार की अच्छी कीमत सुनिश्चित करने को वचनबद्ध हैं। वे पंजाब के विकास को अहमियत देते है। लॉ एंड ऑडर के मामले में सख्त हैं और पार्टी में भी अनुशासन व युवा नेतृत्व के पक्षधर रहे हैं। युवाओं के लिए रोजगार का सृजन, नशाखोरी से मुक्ति और तस्करी पर काबू करने को लक्ष्य मानते हैं। कोरोना संकट में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाने में देरी ना करने से उनकी तारीफ हुई है। फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के 50 प्रभावशाली व्यक्ति 2020 की सूची में वे 27वें स्थान पर हैं।

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Preneet Kaur

Punjab CM

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Answered by bpnboruah
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