Hindi, asked by abhijeet22382, 11 hours ago

(क) मांडले में अपनी मातृभूमि और स्वदेश से बलात अनुपस्थिति के बावजूद मुझे पावन स्मृतियाँ राहत और प्रेरणा देगी। ऐसे ही अन्य जेलों की तरह या ऐसा तीर्थस्थल है, जहाँ भारत का एक महानतम सपूत लगातार छह वर्ष तक रहा था। (ख) या विश्व भगवान की कलि, लेकिन गेले मानव के कृतित्व की निशानी है। उनकी अपनी एक अलग ही दुनिया है और सभ्य समाज ने जिन विचारों और सरकारों को प्रतिबद्ध होकर स्वीकार किया है, वे जेलों में लागू नहीं होते। अपनी आत्मा के हास के बिना बंदी-जीवन के प्रति अपने आपको अनुकूल बना पाना आसान काम नही ।​

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Answered by jsamuvel592
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