Hindi, asked by aditimalviya64, 3 months ago

काम को आरंभ करके यों नहीं जो छोड़ते।
सामना करके नहीं जो भूल कर मुँह मोड़ते॥ 
जो गगन के फूल बातों से वृथा नहीं तोड़ते। 
सम्पदा मन से करोड़ों की नहीं जो जोड़ते॥ 
बन गया हीरा उन्हीं के हाथ से है कारबन।
काँच को करके दिखा देते हैं वे उज्ज्वल रतन॥
___व्याख्या___​

Answers

Answered by shantibharat1982
1

Answer:

did you make this by yourself

Answered by jyoti3306
4

Explanation:

त्तर: prastut bhakti mein Kavi ne kaha hai ki किसी भी काम को आरंभ करके फिर उसे बीच में छोड़ देना आलसी और धैर्यहीन व्यक्ति का लक्षण है | काम को पूरा करते समय यदि कोई मुसीबत आ जाए, तो कई लोग उस मुसीबत का सामना करने के बजाय काम को ही छोड़ देते हैं | ऐसे लोग स्वभाव से कायर होते हैं | कर्मवीर व्यक्ति कभी भी मुसीबत से मुँह नहीं मोड़ते | वह उनका मुकाबला करते हैं | कर्मवीर जो काम एक बार प्रारंभ करते हैं, उसे पूरा किये बिना कभी नहीं छोड़ते |

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