कुमार के चौक से किस प्रकार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक युगान्तकारी परिवर्तन आया?
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प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक युगांतरकारी परिवर्तन जो शहरी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत उपयुक्त साबित हुआ वह था कुम्हार के चाक का निर्माण ।
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कुमार के चौक से किस प्रकार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक युगान्तकारी परिवर्तन आया , यह निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है ।
- जब कुम्हार ने चाक बनाया तो देखा गया कि यह घूमता है । इसके बाद से ही पहियों की खोज हुई व गाडियां बनाई गई।
- धीरे धीरे वाहनों की प्रगति होती गई।
- पहले दो चाको अथवा पहियों की छोटी गाड़ी बनई गई। इस गाड़ी पर थोड़ा थोड़ा सामान लेकर ढोया जाता था।
- फिर धीरे धीरे लोगों की सोच ने चार पहियों वाली गाड़ी का आविष्कार किया।
- लकड़ी से बनी चार पहियों वाली गाड़ी से समान अधिक पैमाने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाने लगा।
- कुछ समय पश्चात चार पहियों वाली गाड़ियों में कुछ और आवश्यक सुधार लाए गए। ये गाडियां फिर परिवहन के माध्यम की तरह प्रयोग में लाई गई।
- चाकों में या पहियों के बनाने के ढंग में परिवर्तन हुआ क्योंकि लकड़ी के पहियों से गाड़ी एकसार नहीं चल पाती थी । लकड़ी के पहिए अधिक भार से टूट जाते थे।
- इसके बाद क्रांतिकारी परिवर्तन आया व रबर के पहिए बनाए गए।
- अब तो सारे वाहन रबर के पहियों एसडी चलते है। बड़ी बड़ी ट्रक वगेरह टनों के भार उठा सकती है।
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