(क), मीरा के पदों से क्या संदेश मिलता है?
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बसो मेरे नैनन में नंदलाल।
मुकुट मकराकृत कुंडल, अरुण तिलक दिए भाल।।
मोहनि मूरति साँवरि सूरति, नैना बने बिसाल।
अक्षर-सुधा-रस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
छुद्र घटिका कटि-तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
मीरां प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।। १ ।।
पायो जी म्है तो राम रतन धन पायो।
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।।
जनम-जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।
खरचै नहिं कोई चोर न लेवे, दिन-दिन बढ़त सवायो।।
सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भव सागर तर आयो
Explanation:
yeh Meera ke dohe.
krishna bhakti aur Ram bhakti karne se saare sukhon ki prapti hoti hai
pls mark brainliest
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