Hindi, asked by himanshubisht0368468, 8 hours ago

(क) मीरा ने अपने पद में चातक और मछली से स्वयं की तुलना की है। एक अन्य उदाहरण द्वारा आप भक्ति की भावना को प्रस्तुत कीजिए। (पाठ-दो)​

Answers

Answered by oppo05111990
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Answer:

मीराँबाई श्री कृष्ण की अनन्य भक्त थीं, किंतु वे कृष्ण भक्ति के विभिन्न संप्रदायों में से किसी में भी विधिवत दीक्षित नहीं थीं। उनकी भक्ति 'माधुर्य भाव' की भक्ति कही जाती है। माधुर्य भाव की भक्ति के अंतर्गत भक्त और भगवान में प्रेम का संबंध होता है। ... उनके समूचे काव्य में इस प्रेम की अभिव्यक्ति अनेक प्रकार से हुई है।

Explanation:

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Answered by franktheruler
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मीरा ने अपने पद में चातक और मछली से स्वयं की तुलना की है। एक अन्य उदाहरण द्वारा भक्ति की भावना को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया है

  • मीरा कृष्ण की अनन्य भक्त थी। उन्होंने अपने पदों में विरह वेदना की आंतरिक अनुभूति को अत्यंत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।
  • उन्होंने मछली व चातक से अपनी तुलना की है जैसे मछली बिना पानी के छटपटाती है मीरा भी कृष्ण के बिना छटपटाती है।
  • अन्य उदाहरण में मीरा कहती है कि उन्होंने दुखो व कष्टों के मध्य कृष्ण के प्रेम रूपी बेल को बोया है जिसका अर्थ है उन्होंने कृष्ण प्रेम के लिए अनेक कष्ट सहे है।अब यह बेल चारों ओर फ़ैल गई है तथा कृष्ण प्रेम रूपी बेल फल फूल रही है।

#SPJ2

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