Hindi, asked by Numan123, 5 months ago

(क) 'मुरली तक गुपालहिं भावति' पर के आधार पर 'गिरिधर नार नवावति' का आशय स्पष्ट
कीजिए।​

Answers

Answered by Braɪnlyємρєяσя
2

Explanation:

इस पद में सूरदास जी ने कृष्ण के ऊपर मुरली के प्रभाव और उससे गोपियों को मुरली से होने वाली स्वाभाविक जलन का बड़ा ही स्वाभाविक चित्रा प्रस्तुत किया है। सूरदास जी के पद में एक सखी दूसरी सखी से कहती है कि हे सखी!

मुरली श्री कृष्ण को अनेक प्रकार से नाच नचाती है फिर भी मुरली श्री कृष्ण की सबसे अधिक प्रिय है।

Answered by HorridAshu
0

{\huge{\boxed{\tt{\color {black}{Question}}}}}

क) 'मुरली तक गुपालहिं भावति' पर के आधार पर 'गिरिधर नार नवावति' का आशय स्पष्ट

कीजिए।

{\huge{\boxed{\tt{\color {blue}{❥ ᴀɴsᴡᴇʀ}}}}}

इस पद में सूरदास जी ने कृष्ण के ऊपर मुरली के प्रभाव और उससे गोपियों को मुरली से होने वाली स्वाभाविक जलन का बड़ा ही स्वाभाविक चित्रा प्रस्तुत किया है। सूरदास जी के पद में एक सखी दूसरी सखी से कहती है कि हे सखी!

मुरली श्री कृष्ण को अनेक प्रकार से नाच नचाती है फिर भी मुरली श्री कृष्ण की सबसे अधिक प्रिय है।

Similar questions