Hindi, asked by yadavmanisha5516, 8 months ago

क) मनुष्य और दास में क्या अंतर है? आत्म निर्भरता पाठ के
आधार पर बताइये?​

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Answered by anujdiwakr334
9

Answer:

प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘आत्मनिर्भरता’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हैं।

प्रसंग – लेखक के अनुसार नम्रता से स्वतन्त्रता प्राप्त होती है। मनुष्य को अहंकार रहित होकर बड़ों का सम्मान और छोटों से कोमलता का व्यवहार करना चाहिए। हमें आत्मा को नम्र रखना चाहिए।

व्याख्या – नम्रता से लेखक का आशय दूसरों के दबाब में रहना नहीं है। दब्बू प्रकृति के आदमी : दूसरों पर आश्रित रहते हैं, उनकी संकल्प शक्ति क्षीण हो जाती है और बुद्धि मन्द हो जाती है। जब कभी… कोई विशेष अवसर आता है, तो दब्बू व्यक्ति उचित निर्णय नहीं कर पाते और उन्नति न करके स्वयं को पीछे की ओर ही धकेलते हैं। (UPBoardSolutions.com) इस प्रकार मनुष्य स्वयं ही अपना हित-अनहित करता है। जो मनुष्य अपना रास्ता स्वयं ही समर्थता से ढूँढ लेते हैं, वही सच्ची आत्मा वाले कहे जाते हैं।

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Answered by lolittamang656
4

Answer:

मनुष्य और दास में क्या अंतर है? आत्म निर्भरता पाठ के

आधार पर बताइये?

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