कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है - विचार कीजिए।
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Q 2
आरोह भाग 2
प्रश्न 2 : कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है- विचार कीजिए।
उत्तर : यह बात कवि ने इन पंक्तियों के माध्यम से बहुत ही सुंदर रूप से व्यक्त की है। लोग अपंग लोगों के प्रति करुणा का भाव दिखाते हैं। समाज के समाने दिखावा करते हैं कि उन्हें अपंग लोगों से बहुत सहानुभूति है लेकिन जब अवसर पड़ता है, तो उन्हें अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते हैं। एक कार्यक्रम जो सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जा रहा है, उसमें एक अपंग को बुलाया जाता है। कैमरे में उसका साक्षात्कार लिया जाता है, उससे सहानुभूति तथा करुणा दिखाई जाती है। लेकिन बार-बार उसे उसके अपंग होने का अहसास दिलाया जाता है। उसकी अपंगता को अपने कार्यक्रम की सफलता के लिए भुनाया जाता है। करुणा का मुखौटा पहनकर कार्यक्रम का संचालन जो क्रूरता करता है, उससे हृदय दुखी हो जाता है। यह वह सच्चाई है, जो आज इस प्रकार के कार्यक्रमों में दिखाई जाती है। आज धन का बोलबाल है, करुणा जैसे शब्द खोखले हो गए हैं।
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यह बात कवि ने इन पंक्तियों के माध्यम से बहुत ही सुंदर रूप से व्यक्त की है। लोग अपंग लोगों के प्रति करुणा का भाव दिखाते हैं। समाज के समाने दिखावा करते हैं कि उन्हें अपंग लोगों से बहुत सहानुभूति है लेकिन जब अवसर पड़ता है, तो उन्हें अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते हैं।