कैमरे में बंद अपाहिज कविता को क्या संवेदनहीन कहा जा सकता है? तर्क के आधार पर अपने मत दीजिए।
class 12th, hindi chapter- Camere me band apahij.
Answers
Answer:
इस कविता को हम क्रूरता की कविता मानते हैं। यह कविता मीडिया के व्यापार व कार्यशैली पर व्यंग्य करती है। दूरदर्शन कमज़ोर व अशक्त वर्ग के दुख को बढ़ा-चढ़ाकर समाज के सामने प्रस्तुत करता है।
Answer:
कैमरे में बंद अपाहिज कविता कुछ लोगों की संवेदनहीनता दर्शाती है,
Explanation:
कैमरे में बंद अपाहिज कविता
कैमरें में बंद अपाहिज कविता समाज की संवेदनहीनता वाली विडंबना को प्रस्तुत करती है। ये विडंबना समाज के कमजोर वर्ग जैसे कि अपाहिज, असहाय आदि वर्ग के प्रति संवेदनहीना वाला व्यवहार और मात्र दिखावे के लिये उनकी कमजोर स्थिति का प्रदर्शन करके सहानुभूति बटोर कर अपने व्यवसायिक हितों की पूर्ति वाली संवेदनहीनता को प्रस्तुत करती है।
‘रघुवीर सहाय’ द्वारा रचित कविता “कैमरे में बंद अपाहिज” के माध्यम से कवि ने यह कहने का प्रयास किया है कि दूरदर्शन पर किसी अपाहिज व्यक्ति के जो साक्षात्कार लिए जाते हैं, उनका उद्देश्य केवल संवेदनशीलता का दिखावा करना है और यह साक्षात्कार दूरदर्शन के व्यवसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिखाए जाते हैं।
किसी अपाहिज व्यक्ति के साक्षात्कार में प्रश्नकर्ता अपाहिज के मन की पीड़ा को कुरेदता है, और उसकी विसंगति पर चर्चा करता है। थोड़ा भावनात्मक माहौल हो जाता है और दर्शक भी भावनाओं में बह जाते हैं। लेकिन वास्तव में साक्षात्कारकर्ता का अपाहिज व्यक्ति के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं होता। यह सारा संवेदनशीलता का दिखावा केवल एक साक्षात्कार तक ही सीमित रहता है, जो टीवी के व्यवसायिक उद्देश्यों की पूर्ति करता है। इसलिए ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कवि का यही कहना है कि यह टीवी दिखाए जाने वाले असहाय प्राणियों से संबंधित कार्यक्रम केवल संवेदनशीलता का दिखावा मात्र हैं, और यह संवेदनहीनता ही दर्शाते हैं।
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