किमर्थं अनंतशास्त्री डोंगरे समाजस्य प्रतारणां असहत ? धनार्थं । स्व शिक्षार्थं । डोंगरे स्वपुत्रीं संस्कृतमध्यापयत । डोंगरे स्वपत्नीं संस्कृतमध्यापयत ।
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Answer:
औपचारिक पत्र का प्रारूप-
औपचारिक पत्र लिखने की शुरुआत बाईं ओर से की जाती है। सर्वप्रथम ‘सेवा में‘ शब्द लिखकर, पत्र पाने वाले का नाम लिखकर, पाने वाले के लिए उचित सम्बोधन का प्रयोग किया जाता है। जैसे – श्री मान, मान्यवर, आदरणीय आदि।
इसके बाद पत्र पर पत्र पाने वाले का “पता/ कंपनी का नाम” लिखा जाता है।
तत्पश्चात पत्र जिस उद्देश्य के लिए लिखा जा रहा हो उसका “विषय” लिखा जाना आवश्यक है।
विषय लिखने के बाद एक बार फिर पत्र पाने वाले के लिए सम्बोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है।
सम्बोधन लिखे के बाद, पत्र के मुख्य विषय का विस्तृत में वर्णन किया जाता है।
मुख्य विषय का अंत करते समय उत्तर कि प्रतीक्षा में, सधन्यवाद, शेष कुशल आदि का प्रयोग किया जाना चाहिए।
इसके बाद पत्र के अंतिम भाग में “भवदीय, आपका आभारी, आपका आज्ञाकारी” इत्यादि शब्द लिखे जाने चाहिए।
पत्र भेजने वाले का “नाम/कंपनी का नाम, पता ,दिनांक” लिखते है।
अंत में पत्र लिखने वाले के हस्ताक्षर किए जाते है।
Explanation:
ᴀᴀᴘᴋᴀ ʙʜɪ ᴅᴇᴅᴏ
Answer:
Anyone on from my friends
but who are u please reply