कुमति और सुनती व्यक्ति के जीवन को कैसे प्रभावित करती है
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¿ कुमति और सुमति व्यक्ति के जीवन को कैसे प्रभावित करती है ?
✎... कुमति और सुमति व्यक्ति के जीवन को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। जहाँ कुमति के कारण व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और वह निकृष्ट कार्य करने में लग जाता है। वह स्वार्थी हो जाता है, उसका विवेक नष्ट हो जाता है, उसे अपने स्वार्थ के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता है। अंत में कुमति उसके दुख का कारण बनती है।
जबकि सुमति व्यक्ति को सद्बुद्धि प्रदान करती है। वह उसे अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करती है और वह जीवन में उन्नति करता जाता है। इस तरह कुमति मनुष्य के दुखों का कारण बनती है और सुमति मनुष्य के सुख का कारण बनती है।
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कुमति व्यक्ति - जहां कुमती है वहां अनेक प्रकार की विपदाएं [परेशानी ] आती रहती हैं |
सुमति व्यक्ति - जहां सुबुद्धि होती है वहां अनेक प्रकार से धन , मन लाभ होता है |