Hindi, asked by shailendra8051, 2 months ago

कामता प्रसाद गुरु के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालिए​

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Answered by kumarsudhanshu78545
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Answer:

कामताप्रसाद गुरु का जन्म सागर में सन्‌ १८७५ ई. (सं. १९३२ वि.) में हुआ। १७ वर्ष की आयु में ये इंट्रेंस की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। १९२० ई. में लगभग एक वर्ष तक इन्होंने इंडियन प्रेस, प्रयाग से प्रकाशित 'बालसखा' तथा "सरस्वती' पत्रिकाओं का संपादन किया। ये बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे और अनेक भाषाओं का इन्हें अच्छा ज्ञान था। "सत्य', "प्रेम', "पार्वती और यशोदा' (उपन्यास), "भौमासुर वध', "विनय पचासा' (ब्रजभाषा काव्य), "पद्य पुष्पावली', "सुदर्शन' (पौराणिक नाटक) तथा "हिंदुस्तानी शिष्टाचार' इनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं।

Answered by fariyalatufa001
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Explanation:

कामताप्रसाद गुरु का जन्म सागर (म.प्र.) में सन् 1875 में हुआ। सन् 1920 में लगभग एक वर्ष तक उन्होंने इंडियन प्रेस से प्रकाशित ‘बालसखा’ तथा ‘सरस्वती’ पत्रिकाओं का संपादन किया। वे बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे और उन्हें अनेक भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। ‘सत्य’, ‘प्रेम’, ‘पार्वती’  और  ‘यशोदा’  (उपन्यास), ‘भौमासुर वध’, ‘विनय पचासा’ (ब्रजभाषा काव्य), ‘पद्य पुष्पावली’, ‘सुदर्शन’ (पौराणिक  नाटक)  तथा  ‘हिंदुस्तानी शिष्टाचार’ उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं।

गुरुजी की असाधारण ख्याति उनकी उपर्युक्त साहित्यिक कृतियों से नहीं, बल्कि उनके ‘हिंदी व्याकरण’ के कारण है। यह हिंदी भाषा का सबसे बड़ा और प्रामाणिक व्याकरण माना जाता है। कतिपय विदेशी भाषाओं में इसके अनुवाद भी हुए हैं। ‘संक्षिप्त हिंदी व्याकरण’, ‘मध्य हिंदी व्याकरण’ और ‘प्रथम हिंदी व्याकरण’ इसी के संक्षिप्ताकृत संस्करण हैं।

वे बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे और उन्हें अनेक भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। 'सत्य', 'प्रेम', 'पार्वती' और 'यशोदा' (उपन्यास), 'भौमासुर वध', 'विनय पचासा' (ब्रजभाषा काव्य), 'पद्य पुष्पावली', 'सुदर्शन' (पौराणिक नाटक) तथा 'हिंदुस्तानी शिष्टाचार' उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं।

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