Hindi, asked by kagulasreevardan, 7 months ago

कामयाब होने के लिए क्या करना चाहिए दिस क्वेश्चन टू आंसर​

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Answered by vanshu0827
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Answer:

इस रेखा की उपस्थिति जातक के जीवन में यश, धन और भाग्य का उदय काल बताती है। इस रेखा की अनुपस्थिति अर्थाभाव और श्रमपूर्ण जीवन दिखाती है। यदि यह रेखा मोटी हो तो जातक अपने परिश्रम से बहुत अधिक धन कमाता है। यदि यह रेखा टूटी हुई हो तो जातक को किसी धंधे में स्थाई लाभ नहीं मिलता। उसको जीवन यापन के लिये बहुत कठिनाइयों और दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। जब रेखा बाल के समान पतली और सूक्ष्म अवस्था में हो तो वह खूब धन कमाता है; परन्तु उसे अपने गुप्त शत्रु और गुप्त रोगों का भय सदैव बना रहता है। यदि यह रेखा यवरेखा से प्रारम्भ होकर मलिका रेखा तक एकदम स्पष्ट और गहरी दिखाई दे तो जातक का जन्म निश्चित रूप से उत्तम कुल और धनवान परिवार में होता है। ऐसा व्यक्ति कला प्रेमी व कला का कदरदान होता है।  

इस रेखा का सर्पाकृति में, टेढ़ा-मेढ़ा होना, मानसिक कमजोरी को प्रकट करता है। यदि इस प्रकार की छोटी-मोटी 16 रेखाएं दोनों हाथों में हों तो जातक शाही घराने का मुखिया होता हुआ जीवन के सभी ऐश्वर्य, सुख, भोग-विलास प्राप्त करता है। ऐसे जातक की कुण्डली में शुक्र या शनि उच्च के होकर योगकारक होते हैं।  

जब यह रेखा अँगुष्ठ के प्रथम खण्ड में अस्पष्ट हो तथा द्वितीय खण्ड में दृष्टिगोचर हो तो ऐसे जातक का जन्म गरीब और निम्न परिवार में होता है, मगर जीवन के द्वितीय चरण में उसका कारोबार अच्छा चल पड़ता है तथा वह प्रचुर यश और द्रव्य कमाता है।  

यदि यह रेखा धागे की तरह हो तथा काली या पीली हो तो भी जातक के जीवन में धन और वैभव होगा। यदि यह रेखा लाल, गुलाबी, चमकीली और स्निग्ध हो तो इसका महत्व कई गुमा बढ़ जाता है।

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