किन बातों से ज्ञात होता है कि माधव दास का जीवन संपन्न तथा से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?
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Explanation:
माधवदास ने अपनी कोठी संगमरमर से बनवाई थी, उनके पास धन की कोई कमी न थी, वे चिड़िया से यह भी कहते हैं कि उनके पास बहुत सा सोना-मोती है, वे उसके लिए सुंदर-सा सोने का घर बनवा देंगे जिसमें मोतियों की झालर लटकी होगी आदि बातों से हमें पता चलता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था।
शाम को स्वप्न की भाँति गुजारना, पर जी भरकर भी कुछ खाली सा रहता है, मेरा महल भी सूना है, वहाँ कोई चहचहाता नहीं है, तुम्हें देखकर मेरी रागनियों का दिल बहलेगा, मेरा दिल वीरान है वहाँ कब हँसी सुनने को मिलती है आदि बातों से पता चलता है कि संपन्न होने के बावजूद माधवदास सुखी नहीं थे।
Answer:
माधवदास की बड़ी कोठी, सुंदर बगीचा, रहने का ठाठ-बाट रईसों जैसा था। चिड़िया के साथ वार्तालाप में कहना कि तेरा सोने का पिंजरा बनावा दूंगा और उसे मालामाल कर देने की बात कहता है। इसके अलावा वह स्वयं स्वीकार करता है। कि उसके पास कई कोठियाँ, बगीचे और नौकर-चाकर हैं। इन बातों से उसकी संपन्नता का पता चलता है। इसके अलावे वह अकेलेपन को दूर करने के लिए चिड़िया के साथ रहने के लिए मजबूर था, यह बात दर्शाता है कि सारी सुविधाओं के बाद भी वह सुखी नहीं था।