। किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और
किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?
2. माधवदास क्यों बार-बार चिडिया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है। क्या
माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए।
3, माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिडिया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाआ
को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नजर में चिड़िया की
जिद का कोई तुक न था। माधवदास और चिडिया के मनोभावों के अंतर
क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।
4. कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने
की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों
में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
5. 'माँ मेरी बाट देखती होगी'-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप
अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है?
6. इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?
Answers
Answered by
0
Answer:
bzjdjdjgjyjfjfktjtjfkkfjrnfjdjdkkd
Answered by
0
Answer:
what the heck it is so big question
Similar questions