(क) नीचेदिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
गुरुकुल मेंपढ़नेवालेछात्रों की पढाई परूी होनेपर एक दिन गुरूजी नेसभी छात्रों को मदानै मेंइकट्ठा होनेके लिए
कहा। सभी शिष्य मदानै मेंआकर खड़ेहो गए। गुरूजी नेउनसेकहा, प्रिय शिष्यों मैंचाहता हूँकि यहाँसेजानेसेपहले
आप सब एक बाधा दौड़ मेंभाग लें। इस दौड़ मेंआपको एक अधँ ेरी सरुंग सेगुजरना होगा। सभी शिष्य सरुंग सेगुजरे
जहाँजगह-जगह नकु ीलेपत्थर पड़ेथे। दौड़ परूी होनेपर गुरूजी नेकहा, कुछ शिष्यों नेदौड़ जल्दी परूी कर ली और
कुछ नेबहुत अधिक समय लगा दिया, भला ऐसा क्यों ? कुछ शिष्यों नेजवाब दिया कि राह मेंनकु ीलेपत्थर थेजिन्हें
हम चनकर ु जेब मेंरखतेजा रहेथेताकि पीछेआनेवालों को पीड़ा न हो। गुरूजी नेउन सभी शिष्यों को बलाया ु
जिन्होंनेचनु ेथेऔर जिन्हेंतमु पत्थर समझ रहे, वेवास्तव मेंबहुमल्ूय हीरेहैंजिन्हेंमनैं ेसरुंग मेंडाला था। येहीरे
तमु सबका उपहार हैक्योंकि तमनु ेदसर ू ों की पीड़ा को समझा। यह दौड़ जिंदगी की सच्चाई को बताती हैकि सच्चा
विजेता वही हैजो इस दौड़ती दनिु या मेंदसर ू ों का भला करतेहुए आगेबढ़ता है।
1. गुरूजी नेशिष्यों को कहाँऔर क्यों बलाया ु था ?
2. शिष्यों को सरुंग मेंकिस कठिनाई का सामना करना पड़ा ?
3. गुरूजी नेशिष्यों को क्या दिया और क्यों ?
4. यह दौड़ जिंदगी की कौन-सी सच्चाई बताती है?
5. उपर्युक्र्युत कहानी का उचित शीर्षकर्ष लिखिए।
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1 Guru Ji ne shiyo ko medan me Pratiyogita ke liye bulaya tha
2 Nokile patharo ki
3 Guruji ne shiyo ko Hira diya jo unko asle vejata ka pad deta tha
4 Ans last para hai.
5 Kar bhala toh ho bhala
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