Hindi, asked by poonammd69, 1 day ago

क) नीचे दी गई पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- चढ़ रही थी धूप, गर्मियों का दिन दिवा का तमतमाता रूप, उठी झुलसाती हुई लू, रुई ज्यों जलती हुई भू, गर्द चिनगी छा गई।​

Attachments:

Answers

Answered by Jiya0071
6

Explanation:

प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘तोड़ती पत्थर’ नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हैं।

संदर्भ : इलाहाबाद के पथ पर तमतमाती धूप में पत्थर तोड़नेवाली नारी के परिश्रम के बारे में कवि कहता है।

स्पष्टीकरण : पत्थर तोड़नेवाली नारी झुलसाती धूप में, पसीना टपकाती अपने कार्य में मग्न है। उसकी विवशता पर कवि का मन दुखी होता है किन्तु उस नारी के धैर्य तथा कार्य में लगन देखकर उसके प्रति सम्मान बड़ जाता है। विपरीत परिस्थितियों में भी वह अपना कार्य लगन से कर रही थी।

Answered by XxitzMichAditixX
2

Correct answer:-

Refer to the attachment.

hope it helps ✅✅✅

plss make me as brainliest.

#MichAditi✨✌️

Attachments:
Similar questions