Hindi, asked by renuy9416, 9 days ago

किन्ही पांच स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी एकत्र कर कॉपी में लिखें। (संदर्भ पाठ झांसी की रानी)​

Answers

Answered by sgyashwhanth24
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Answer:

मंगल पांडे

जन्म - 30 जनवरी 1827 बलिया, उत्तर प्रदेश

मृत्यु - 8 अप्रैल 57, बैरकपुर

बैरकपुर छावनी में बंगाल नेटिव इंफैंट्री की 34वीं रेजीमेंट में सिपाही रहे, जहां गाय और सूअर की चर्बी वाले कारतूस और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का शंखनाद किया।

महात्मा गांधी

जन्म : 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर, गुजरात

मृत्यु : 30 जनवरी 1948, नई दिल्ली

शिक्षा : बैरिस्टर, युनिवर्सिटी कॉलेज,लंदन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महात्मा गांधी के पूर्व भी शान्ति और अहिंसा की के बारे में लोग जानते थे, परन्तु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह, शांति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता।

रामप्रसाद बिस्मिल

जन्म : 11 जून 1897, शाहजहांपुर,

मृत्यु : 19 दिसंबर 1927, गोरखपुर,

स्वतंत्रता संग्रात सेनानी के साथ बेहतरीन कवि, शायर और लेखक, मैनपुरी षड्यंत्र में शाहजहांपुर के 6 युवक पकड़ाए, जिनके लीडर रामप्रसाद बिस्मिल थे, लेकिन वे पुलिस के हाथ नहीं लग पाए। इस षड्यंत्र का फैसला आने के बाद से बिस्मिल 2 साल तक भूमिगत रहे। और एक अफवाह के तरह उन्हें मृत भी मान लिया गया। इसके बाद उन्होंने एक गांव में शरण ली और अपना लेखन कार्य किया।

अशफाक उल्ला खां

जन्म : 22 अक्टूबर 1900 ई., शाहजहांपुर

मृत्यु : 19 दिसंबर 1927, फैजाबाद जेल में फांसी

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी में लेखन कार्य, देश में चल रहे आंदोलनों और क्रांतिकारी घटनाओं से प्रभावित अशफाक के मन में भी क्रांतिकारी भाव जागे और उसी समय उनकी मुलाकात मैनपुरी षड्यंत्र के मामले में शामिल रामप्रसाद बिस्मिल से हुई और वे भी क्रांति के जश्न में शामिल हो गए। इसके बाद वे ऐतिहासिक काकोरी कांड में सहभागी रहे।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस

जन्म : 23 जनवरी 1897

मृत्यु : 18 अगस्त 1945

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष, आजाद हिंद फौज के सुप्रीम कमांडर, आईसीएस की परीक्षा में उत्तीर्ण करने के बाद सुभाष ने आईसीएस से इस्तीफा दिया। इस बात पर उनके पिता ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा- 'जब तुमने देशसेवा का व्रत ले ही लिया है, तो कभी इस पथ से विचलित मत होना।'

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Answered by rathod9999
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Answer:

सुखदेव (15 मई 1907 – 23 मार्च 1931)

इनका बचपन लायलपुर में ही बीता था। थापर भगत सिंह के सभी कार्यों में सहयोगी रहे और अंग्रेजों के खिलाफ क्रान्तिकारी संघर्ष में भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद और राजगुरु के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर अपने जीवन की आखिरी साँस तक लड़ते हुये 23 मार्च भगत और राजगुरु के साथ शहीद हो गये।

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