कानों में कंगना किस विधा की रचना है
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कानों में कंगना कहानी विधा की रचना है l
- इस कहानी के रचनाकार राधिकारमण प्रसाद सिंह है l जिसमें एक स्त्री की दशा का मार्मिक ढंग से वर्णन किया गया है l
- यह एक तरह की आदर्शवादी कहानी है। इस कहानी में कुल छह पात्र हैं।
- कहानी में कई जगहों पर भारत की दुर्दशा का जिक्र किया गया है। कहानी में पुरुष की वासना को कथावाचक नरेंद्र के माध्यम से दर्शाया गया है। जो स्त्री (किरण) पर मोहित होकर किन्नरी पर मोहित हो गया हो।
- इसलिए उसने किरण से प्यार नहीं किया, बल्कि हवस की, लेकिन किरण की मौत के बाद उसे उस प्यार का एहसास हुआ, जो अब तक नहीं था।
- यहाँ कथावाचक ने स्त्री के प्रति वासना और वैवाहिक प्रेम के बीच की रेखा को स्पष्ट किया है और यह संदेश देना चाहता है कि दाम्पत्य प्रेम घर का रक्षक है, जबकि स्त्री के लिए वासना घर को नष्ट कर देती है।
- वासना और प्रेम के ताने-बाने पर बुनी गई इस कहानी की शुरुआत तो बड़े अलंकारिक और सजावटी ढंग से हुई है, लेकिन अंत भी उतना ही दुखद और मार्मिक है।
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