Hindi, asked by ashutoshyadav1817, 5 months ago


निम्नलिखित गद्यांशो को ध्यानपूर्वक पाहिए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता है यदि वह पुरुषार्थी है, धैर्यवान है. साहसी है
कर्म और वचन से एकजुट होकर कठिन परिश्रम करता है, से सफलता स्वयं ही उसके कदम चूमती है। कम-
सदैव कार्यरत रहता है। परिश्रम करने पर भी यदि सफलता नहीं मिलती तो वह वैये नहीं छोडता समस्या से जाना
संघर्ष करता है, फिर कार्य करता है। आलसी लोग ही सफलता को भाग्य का नाम देते हैं। अकर्मण्यता मनुष्य को कुछ नही
देती। पुरुषार्थ तो करना ही पड़ेगा। अपने गंतव्य के लिए मानव को निरंतर प्रयत्नरत रहना चाहिए।
(ii उपर्युक्त गवांश का उचित शीर्षक दीजिए।
कौन-सा मनुष्य सफलता प्राप्त करता है?
कौन-सा मनुष्य सदैव कार्यरत रहता है? ।
(iv)
हमें धैर्य कब नहीं छोड़ना चाहिए?
पहिल्या आपने कभी दिरामा रहेकी
अपने गंतव्य के लिए मानव को क्या करना चाहिए?
तक
(v)
मानव की या
मालाबाहिर
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Answers

Answered by shamsherbijarnia
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Answer:

2 मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी

कर्म और वचन से एकजुट होकर कठिन परिश्रम करता है, से सफलता स्वयं ही उसके कदम चूमती है। कम

मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता है यदि वह पुरुषार्थी है, धैर्यवान है. साहसी है

कर्म और वचन से एकजुट होकर कठिन परिश्रम करता है, से सफलता स्वयं ही उसके कदम चूमती है। कम-

सदैव कार्यरत रहता है।

4। परिश्रम करने पर भी यदि सफलता नहीं मिलती तो वह वैये नहीं छोडता समस्या से जाना

संघर्ष करता है, फिर कार्य

अकर्मण्यता मनुष्य को कुछ नही

देती। पुरुषार्थ तो करना ही पड़ेगा। अपने गंतव्य के लिए मानव को निरंतर प्रयत्नरत रहना चाहिए।

5 मानव

Answered by bachpansowmya123
0

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