(क) निम्नलिखित काव्य पक्तियों में रस पहचान कर लिखिए।
जसोदा हरि पालने झुलावै।
हलरावै, दुलरावै, मल्हावे, जोई-सोई कछु गावे।
(ख) शांत रस का स्थायी भाव लिखिए।
(ग) “भय" किस रस का स्थायी भाव है।
(घ) वीर रस का उदहारण लिखिए।
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Answer:
क-वात्सल्य रस
ख-निर्वेद
ग-भयानक रस
घ-see the pic
सभी प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं..
(क) जसोदा हरि पालने झुलावै।
हलरावै, दुलरावै, मल्हावे, जोई-सोई कछु गावे।
इन पंक्तियों में ‘वात्सल्य रस’ प्रकट होता है, क्योंकि यहां पर एक माँ का अपने पुत्र के प्रति वात्सल्य भाव प्रकट हो रहा है।
(ख) शांत रस का स्थाई भाव निर्वेद अर्थात उदासीनता है।
(ग) भय ‘भयानक रस’ का स्थाई भाव है।
(घ) वीर रस का एक उदाहरण इस प्रकार है...
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
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https://brainly.in/question/8822655
Shree krishna ke sun vachan arjun krodh se jalne lage ,sab shok apna bhulkar kartal yugal malne lage.....ye kon saa ras h
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(क) काव्यांश में निहित रस पहचानकर लिखिए- श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे। सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे। ख) हास्य रस का एक उदाहरण लिखिए। ग) श्रृंगार रस क स्थानीयभाव का नाम लिखिए। घ) 'उत्साह' किस रस का स्थायीभाव है?