क) निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उनमें निहित रस पहचानकर लिखिएः 1. उपयुक्त उस खल को यद्यपि मृत्यु का भी दंड है, पर मृत्यु से बढ़कर न जग में दंड और प्रचंड हैं। अतएव कल उस नीच को रण-मध्य जो मारूँ है। तो सत्य कहता हूँ कभी शस्तास्त्र फिर धारूँ न मैं 2. वह आता- दो टूक कलेजे के करता पछताता प पथ पर आता पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लटुटिया टेक (ख) 1. श्रृंगार रस का स्थायी भाव लिखिए । 2) निम्नलिखित काव्यांश में स्थायी भाव क्या है? कब द्वै दाँत दूध कै देखों, कब तोतै, मुख बचन झरैं। कब नंदहिं बाबा कहि बोले, कब जननी कहि मोहिं ररै।
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(क) 1 रौद्र
2 करुण
(ख) 1 रति
2 शिशु विषयक प्रेम
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क) निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उनमें निहित रस पहचानकर लिखिएः 1. उपयुक्त उस खल को यद्यपि मृत्यु का भी दंड है, पर मृत्यु से बढ़कर न जग में दंड और प्रचंड हैं। अतएव कल उस नीच को रण-मध्य जो मारूँ है। तो सत्य कहता हूँ कभी शस्तास्त्र फिर धारूँ न मैं 2. वह आता- दो टूक कलेजे के करता पछताता प पथ पर आता पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लटुटिया टेक (ख) 1. श्रृंगार रस का स्थायी भाव लिखिए । 2) निम्नलिखित काव्यांश में स्थायी भाव क्या है? कब द्वै दाँत दूध कै देखों, कब तोतै, मुख बचन झरैं। कब नंदहिं बाबा कहि बोले, कब जननी कहि मोहिं ररै।
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