English, asked by gandhipriti30477, 2 months ago

:

(क) निम्नलिखित परिच्छेद का अपनी मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
देवताओं का अभिवादन स्वीकार करने के पश्चात् ब्रह्माजी ने उनसे कुशलमंगल पूछा। इस पर इन्द्र
बोले, "पितामह, हम वृत्रासुर से त्रस्त हैं। अपनी प्राण रक्षा करना हमारे लिए कठिन हो रहा है। असुर
न केवल हमसे अधिक बलवान हैं अपितु चतुर भी अधिक हैं। हम एक शस्त्र बनाते हैं तो वे चार बना
लेते हैं। हम उनसे पार नहीं पा सकते। कृपा कर वृत्रासुर के विनाश का कोई उपाय बताइए।"​

Answers

Answered by negivandna
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देवताओं से श्रद्धा पूर्वक नमस्कार सुनकर उसके बाद ब्रह्मा जी ने उनसे पूछा कि वे कुशल मंगल अर्थात उनके स्वास्थ्य से संबंधित विषय में पूछा या बारे में पूछा । इस पर इंद्र देवता कहते हैं कि पिता महा हम वतरासूल एक नाम है उस से त्रस्त मतलब परेशान है दुखी है ।उससे अपने प्राण या जीवन को बचा पाना हमारे लिए मुश्किल हो चुका है ।असुर ना सिर्फ हमसे ज्यादा शक्तिशाली है अपितु मतलब बल्कि हमसे बहुत अधिक चालाक भी है ।यदि हम एक शस्त्र को बनाते हैं या उसका निर्माण करते हैं तो वे एक की जगह 4 शस्त्रों को तैयार करते हैं या बना लेते हैं हम उनसे मुकाबला नहीं कर सकते हैं कृपा करके या निवेदन है कि आप वतत्रासुर के विनाश या फिर उसके जीवन को नष्ट करने के लिए या उसकी मृत्यु का या मौत का कोई उपाय या सुझाव दीजिए।

Thanks

Answered by KRISHGAMER69
0

Answer:

PLS MAKE BRAINLIST

Explanation:

BEST PERSON PLS MAKE ME BRAINLIST

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