Political Science, asked by Srikarchintu5462, 10 months ago

कानून संप्रभु की आज्ञा है किसका कथन है

Answers

Answered by Aryasushma
1

जॉन ऑस्टिन का

→जॉन ऑस्टिन के अनुसार "कानून उच्चतर द्वारा निम्नतर को दिया गया आदेश है।" या "कानून संप्रभु की आज्ञा (आदेश) है।" ऑस्टिन के कानून की इस परिभाषा में तीन तत्व निहित है-

(1) संप्रभुता

(2) आदेश (समादेश)

(3) शास्ति-अर्थात संप्रभु के आदेश की अवहेलना करने वाले को दण्ड देने की शक्ति।

इस प्रकार ऑस्टिन ने कानून को संप्रभु का आदेश (समादेश) माना है

Answered by soniatiwari214
0

उत्तर:

कानून संप्रभु की आज्ञा है जिसे जेन ऑस्टिन ने कहा है

व्याख्या:

जेन ऑस्टेन एक अंग्रेजी उपन्यासकार थीं, जिन्हें मुख्य रूप से उनके छह प्रमुख उपन्यासों के लिए जाना जाता था, जो 18 वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश जमींदारों की व्याख्या, आलोचना और टिप्पणी करते हैं। ऑस्टेन के कथानक अक्सर अनुकूल सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक सुरक्षा की खोज में विवाह पर महिलाओं की निर्भरता का पता लगाते हैं।

कानून के अनिवार्य सिद्धांत को अपने सरल शब्दों में "स्वीकृति द्वारा समर्थित संप्रभु की आज्ञा" के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। अनिवार्य सिद्धांत कहता है कि कानून वह है जो एक निश्चित राज्य का राजनीतिक संप्रभु कहता है कि कानून है।

इस कानून को वैध मंजूरी, यानी उल्लंघन के लिए सजा या दंड द्वारा समर्थित होने की आवश्यकता है। यह विचार जेन ऑस्टिन द्वारा प्रतिपादित किया गया था।

#SPJ3

Similar questions