Political Science, asked by mannuradhekrishna, 11 months ago

कानून स्वतंत्रता का विरोधी नहीं रक्षक है । समझाए

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Answered by drjakhi
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संविधानसम्मत आधार पर संचालित होने वाले उदारतावादी लोकतंत्रों में ‘कानून के शासन’ की धारणा प्रचलित होती है। इन व्यवस्थाओं में कानून के दायरे के बाहर कोई काम नहीं करता, न व्यक्ति और न ही सरकार। इसके पीछे कानून का उदारतावादी सिद्धांत है जिसके अनुसार कानून का उद्देश्य व्यक्ति पर पाबंदियाँ लगाना न हो कर उसकी स्वतंत्रता की गारंटी करना है। उदारतावादी सिद्धांत मानता है कि कानून के बिना व्यक्तिगत आचरण को संयमित करना नामुमकिन हो जाएगा और एक के अधिकारों को दूसरे के हाथों हनन से बचाया नहीं जा सकेगा।

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