कौन सी बात पानवाले के लिऐ मजेदार और हालदार साहब के लिऐ चकित और दृवित करने वाली है?
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हालदार साहब के लिये द्रवित कर देने वाली और पान वाले के लिए मजेदार बात यह थी कि मूर्तिकार नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाते समय उनकी पहचान चश्मा मूर्ति पर बनाना भूल गया।
Explanation:
जब हालदार साहब चौराहे से गुजरते थे, तो चौराहे पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर अलग-अलग तरह के चश्मे दिखाई देते थे। एक दिन उन्होंने पान वाले से पूछ लिया कि इस मूर्ति पर अलग-अलग चश्मा क्यों दिखाई देता है? तो पान वाले ने बताया कि कैप्टन नाम का एक चश्मा बेचने वाला ,वहां मूर्ति के पास खड़ा होता है। वो ही अलग-अलग चश्मे लगा देता है। जब कोई ग्राहक आता है और मूर्ति पर लगे चश्मे जैसा चश्मा मांगता है तो वह मूर्ति का चश्मा उतारकर कर बेच देता है और मूर्ति पर दूसरा चश्मा लगा देता है। तब हालदार सामने पूछा, लेकिन मूर्ति बनाते समय जो ओरिजिनल चश्मा लगा था, वह कहां गया? तब पान वाले ने कहा कि मूर्तिकार चश्मा बनाना ही भूल गया। यह पान वाले के लिए एक मजेदार बात थी, लेकिन हलदर साहब के लिए चकित और द्रवित कर देने वाली बात की कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस सिर पर चश्मा उनकी पहचान था, और वही मुख्य बात उनकी मूर्ति बनाते समय मूर्तिकार भूल गया।