कीन्स का उपभोग का मनोवैज्ञानिक नियम बताइए।
Answers
कीन्स के उपयोग के वैज्ञानिक नियम के अनुसार जब उपभोक्ता की आय में बढ़ोतरी होती है तो उपभोक्ता द्वारा उसका उपभोग बढ़ता है और यह उपभोग बढ़ोतरी केवल उतने ही स्तर तक बढ़ती है जितनी की उपभोक्ता की आय में बढ़ोत्तरी हुई होती है।
Explanation:
कींस एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री था, जिसने जनरल ‘थ्योरी ऑफ एंप्लॉयमेंट इंटरेस्ट एंड मनी’ (General Theory of Employments Interests and Money) नामक पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में उसने अनेक अर्थशास्त्र से संबंधित नियमों और सिद्धांतों को प्रस्तुत किया है। इसी संबंध में कींस ने उपभोग का मनोवैज्ञानिक सिद्धांत प्रस्तुत किया था। कींस के अनुसार व्यक्ति जो भी अपनी पूरी आय हासिल कर लेता है, वो इसके एक भाग को अपने उपभोग में लगाता है तथा बाकी बचे हुए भाग को भविष्य की योजनाओं के लिए बचत के रूप में सुरक्षित कर लेता है। कींस के अनुसार आय का जो भाग वह व्यक्ति अपने ऊपर खर्च करता है, उसे उपभोग प्रवृत्ति या उपभोग फलन कहते हैं। अतः उपभोग की मात्रा व्यक्ति की आय पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे आय में वृद्धि होती है, वैसे-वैसे उपभोग में भी वृद्धि होती है। जब आय में कमी आती है तो उपभोग में भी कमी आती जाती है और आय के शून्य हो जाने की स्थिति में भी उपभोग शून्य नहीं होता क्योंकि तब व्यक्ति अपनी बचत या कर्ज आदि लेकर अपने उपभोग को पूरा करता है।
Answer:
कीन्स के उपयोग के वैज्ञानिक नियम के अनुसार जब उपभोक्ता की आय में बढ़ोतरी होती है तो उपभोक्ता द्वारा उसका उपभोग बढ़ता है और यह उपभोग बढ़ोतरी केवल उतने ही स्तर तक बढ़ती है जितनी की उपभोक्ता की आय में बढ़ोत्तरी हुई होती है। ... जैसे-जैसे आय में वृद्धि होती है, वैसे-वैसे उपभोग में भी वृद्धि होती है।