कौन सा रास है? ☝️
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Answers
Answer:12..
मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय। जा तन की झाँई परे, श्याम हरित दुति होय।। इस पंक्ति में भक्ति रस है। भक्ति रस की परिभाषा अनुसार– भगवत् गुण सुनकर जब चित्त उसमें निमग्न हो जाता है, तब 'भगवद्विषयक अनुरांग' नामक स्थायी भाव उत्पन्न होता है; यह विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव से संयुक्त होकर 'भक्ति रस' में परिणत हो जाता है।
13..भावार्थ:- शिवाजी की सेना के झंडों के फहराने से और हाथियों के गले में बंधे हुए घण्टों की आवाजों से देश-देश के राजा-महाराजा पल भर भी न ठहर सकें। नगाड़ों की आवाज़ से पहाड़ तक हिल गए, गांवों और नगरों के लोग इधर-उधर भागने लगेl शत्रु-सेना के हाथियों पर बंधे हुए हौदे घड़ों की तरह टूट गये। शत्रु-देशों की स्त्रियां, जब अपने-अपने घरों की ओर भागीं तो उनके केश हवा में इस तरह उड़ रहे थे, जैसे कि काले रंग के भौंरों के झुंड के झुंड उड़ रहे हों। शिवाजी की सेना के चलने की धमक से कछुए की मजबूत पीठ टूटने लगी है और शेषनाग का फन मानो केले के पत्तों की तरह फैल गया। इस में वीर रस है।