५. कौन से ऋषि शिष्यों समेत युधिष्ठिर के आश्रम में भोजन के लिए पहुंचे?
i)सप्त ऋषि
ii)दुर्वासा ऋषि
iii)अगस्त्यमुनि
Answers
2)दुर्वासा ऋषि
महाभारत की कथा के अनुसार यह तब की बात है जब द्युत क्रीडा में अपना सबकुछ हारने के बाद पांडव जंगल में रहने आ गये थे। शर्त के अनुसार उन्हें 12 वर्ष वनवास और एक वर्ष अज्ञातवास काटना था। इसी वनवास के दौरान एक बार महर्षि दुर्वासा अपने हजारों शिष्यों के साथ पांडवों की कुटिया में आ पहुंचे। उन्होंने स्नान के बाद भोजन की इच्छा प्रकट की। युधिष्ठिर इसे टाल नहीं सकते थे लेकिन पांडवों की एक समस्या थी।
उस समय युधिष्ठिर के पास एक अक्षय पात्र था। यह सूर्यदेव से उन्हें प्राप्त हुआ था। इससे दिन में एक बार जितना चाहे भोजन प्राप्त हो सकता था। दुर्वासा ऋषि लेकिन जब पांडवों के पास पहुंचे थे तब तक द्रौपदी समेत सभी पांचों भाई भोजन कर चुके थे। ऐसे में अब सवाल था कि दुर्वासा ऋषि और उनके शिष्यों के लिए इतनी जल्दी भोजन का प्रबंध कैसे किया जाए।
Answer:
महर्षि दुर्वासा
Explanation:
महर्षि दुर्वासा और युधिष्ठिर संवाद
आगे कथा मिलती है कि जब महर्षि दुर्वासा पांडवों से मिलने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि वह आज उनके यहां निवास करेंगे और भोजन ग्रहण करेंगे। इसके बाद युधिष्ठिर ने उन्हें स्नान-आदि से निवृत्त होने का आग्रह किया।
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