Chemistry, asked by Sharonkalex1011, 2 months ago

कोन SN1 अभिकिया शीघ्रता से देगा

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Answered by crazycrista4
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Answer:

SN1अभिक्रिया या एकाणुक नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया :

जब तृतीयक ब्यूटिल हैलाइड की क्रिया जलीय KOH से की जाती है तो त्रियक ब्यूटिल एल्कोहल बनता है।

(CH3)3C-X + जलीय KOH → (CH3)3C-OH + KX

क्रिया विधि :

यह क्रिया SN1 क्रिया विधि से होती है , यह दो पदों में होती है , पहले पद में मध्यवर्ती कार्बोकैटायन का निर्माण होता है। यह पद धीमी पद में मध्यवर्ती कार्बोकैटायन पर OH– प्रहार करता है। यह पद तेज गति से होता है।

slow (धीमे) पद में क्रियाकारक का एक अणु भाग लेता है अतः यह प्रथम कोटि की अभिक्रिया है।

ध्रुवीय विलायकों की उपस्थिति में यह क्रिया तेज गति से होती है।

SN1 अभिक्रिया का वेग कार्बोकैटायन का स्थायित्व पर निर्भर करता है।

तृतीक ब्यूटिल क्लोराइड में 30 कार्बोकैटायन बनता है जो की 20 तथा 10 कार्बोकैटायन से अधिक स्थायी होता है अतः 30 हैलाइड में SN1 अभिक्रिया तेज गति से होती है अतः SN1 अभिक्रिया के वेग का घटता क्रम

30 > 20 > 10 हैलाइड

उदाहरण : (CH3)3C-X > (CH3)2CH-X > CH2-CH2-CH2-X

इस क्रिया में रेसिमीकरण होता है।

नोट : बेंजील और एलिल हैलाइड में SN1 अभिक्रिया सबसे तेज गति से होती है क्योंकि बेंजील तथा एलिल कार्बोकैटायन अनुनाद के कारण अधिक स्थायी होते है अतः SN1 अभिक्रिया के वेग का घटता क्रम

benzyl हैलाइड > एलिल हैलाइड > 30 > 20 > 10 हैलाइड

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