किन्तु कुछ लमहों के लिए ही। सहसा वह मायावी क्षण टूट गया। हम फिर वापस अपने-अपने लौट आए। एक लम्बी बोझिल-सी साँस उस अदृश्य, बेडौल भीड़ के ऊपर उठी और चंद अश्लील, अनर्गल गालियों में खो गई। एक-दूसरे की देह की गंध- जिसे हम पास-पास खड़े सूँघ सकते थे, गालियों के बावजूद अपना सकते थे- अब अलग-अलग रास्तों पर छितराने लगी थी। केवल हम तीन व्यक्ति अब भी अहाते के भीतर अनिश्चित सी मुद्रा में खड़े रहे।
Answers
Answered by
0
Answer:
8w8hdvhdhdbdvhdhdbb
Explanation:
jdjhdhhdhbdhjdhdbhxhbbxhfjbzjkqkqmqoqonnqjqkwjnanjs xjhdhbsiiehrokwyigjgcjjcjfiggkv edgbggk.hngvungcg f v b s,fg
b.
jkmmtdyegli
Similar questions