Hindi, asked by lkp63772, 4 months ago

किन दशाओं में फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है?​

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Answered by shishir303
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¿ किन दशाओं में फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है ?​

➲ निम्नलिखित दशाओं में किसी फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है...

  • जब किसी फर्म के समस्त साझेदार अथवा किसी एक साझेदार की मृत्यु हो जाए तो उस फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है।
  • जब फर्म के समस्त साझेदर अथवा एक को छोड़कर समस्त साझेदार दिवालिया घोषित कर दिए जाएं, तब फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है।
  • जब किसी आकस्मिक घटना के कारण घटित होने पर फर्म के व्यापार का चलाना अवैधानिक हो जाता है, तो उस फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है।
  • किसी निश्चित समय की समाप्ति होने पर आगे समय का एक्सटेंशन ना मिलने की स्थिति में फर्म का अनिवार्य विघटन हो जाता है।
  • किसी फर्म के साझेदार के पागल होने पर या किसी साझेदार के स्थाई रूप से अयोग्य घोषित होने पर अथवा किसी साझेदार के दुराचरण के आधार पर न्यायालय किसी फर्म के अनिवार्य विघटन का आदेश दे सकता है।
  • किसी साझेदार द्वारा कोई समझौता भंग करने पर या साझेदार द्वारा अपने भाग का हस्तांतरण किसी अन्य को कर देने पर फर्म का अनिवार्य विघटन किया जा सकता है।

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