कोणीय संवेग में परिवर्तन की दर को कहते हैं
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जब कोई पिण्ड किसी अक्ष के परित: घूम रहा हो अर्थात घूर्णन गति कर रहा हो तो उस पिण्ड के कणों के रेखीय संवेगों के आघूर्ण का योग उस पिंड का उस अक्ष के परित: कोणीय संवेग कहलाता है। ..
:जब कोई पिण्ड किसी अक्ष के परित: घूम रहा हो अर्थात घूर्णन गति कर रहा हो तो उस पिण्ड के कणों के रेखीय संवेगों के आघूर्ण का योग उस पिंड का उस अक्ष के परित: कोणीय संवेग कहलाता है। ... कोणीय संवेग का मात्रक जूल-सेकंड अथवा किलोग्राम-मीटर2-सेकंड-1 होता है।
Explanation:कोणीय संवेग : जब कोई पिण्ड किसी अक्ष के परित: घूम रहा हो अर्थात घूर्णन गति कर रहा हो तो उस पिण्ड के कणों के रेखीय संवेगों के आघूर्ण का योग उस पिंड का उस अक्ष के परित: कोणीय संवेग कहलाता है।माना एक कण जो घूर्णन गति कर रहा है उसका रेखीय संवेग p है तथा इस कण का स्थिति सदिश r है तो इस कण के कोणीय संवेग को निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है –कोणीय संवेग = रेखीय संवेग x स्थिति सदिशकोणीय संवेग (L) = p x rयह p = रेखीय संवेग है जिसका मान , p = mv होता है जो हमने ऊपर ज्ञात किया है।सूत्र में p = mv रखने पर कोणीय संवेग का सूत्र –कोणीय संवेग (L) = mv x rकोणीय संवेग एक सदिश राशि होती है और इसे सामान्यतया L द्वारा व्यक्त किया जाता है तथा इसका विमीय सूत्र (विमा) [ML2T-1] होती है।