कानपना चावला का प्रिय विषय काथा
Answers
Answer:
kalpana Chawla ka priya vidhay hai science
Explanation:
I am right
जन्म: 17 मार्च 1962, करनाल, हरियाणा
मृत्यु: 1 फ़रवरी 2003, टेक्सास के ऊपर
कार्यक्षेत्र: अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ
कल्पना चावला भारतीय मूल की अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थीं। वे अंतरिक्ष में जाने वाली द्वितीय भारतीय और प्रथम भारतीय महिला थीं। कल्पना ‘कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा’ में मारे गए सात अंतरिक्ष यात्री दल सदस्यों में से एक थीं। कल्पना की प्रथम अंतरिक्ष उड़ान एस.टी.एस. 87 कोलम्बिया शटल से 19 नवम्बर 1997 से 5 दिसम्बर 1997 के मध्य सम्पन्न हुई। उनकी दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को स्पेस शटल कोलम्बिया से शुरू हुई पर दुर्भाग्यवश 1 फरवरी 2003 को कोल्म्बिया स्पेस शटल पृथ्वी पर लैंड करने से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमे कल्पना चावला समेत अंतरिक्ष यान के सभी 6 यात्री मारे गए।
प्रारंभिक जीवन
कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल शहर में 17 मार्च 1962 को हुआ था। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती है। कल्पना अपने परिवार में चार भाई-बहनो मे सबसे छोटी थीं। कल्पना की प्रारंभिक शिक्षा करनाल के “टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल” मे हुई। बचपन से ही उन्हें एरोनाटिक इंजीनियर बनने का शौक था। उनके पिता उन्हें डॉक्टर या शिक्षिका बनाना चाहते थे पर कल्पना बचपन से ही अंतरिक्ष में भ्रमण करने की कल्पना किया करती थी।
अपने सपने को साकार करने के लिए कल्पना चावला ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ में ‘एरोनौटिकल इंजीनियरिंग’ पढने के लिए ‘बी.इ.’ में दाखिला लिया और सन 1982 में ‘एरोनौटिकल इंजीनियरिंग’ की डिग्री भी हासिल कर ली। इसके पश्चात कल्पना अमेरिका चली गयीं और सन 1982 में ‘टेक्सास विश्वविद्यालय’ में ‘एयरोस्पेस इंजीनियरिंग’ में स्नातकोत्तर करने के लिए दाखिला लिया। उन्होंने इस कोर्स को सन 1984 में सफलता पूर्वक पूरा किया। उनके अन्तरिक्ष यात्री बनने की इच्छा इतनी प्रबल थी कि उन्होंने सन 1986 में ‘एयरोस्पेस इंजीनियरिंग’ में दूसरा स्नातकोत्तर भी किया और उसके बाद कोलराडो विश्वविद्यालय से सन 1988 में ‘एयरोस्पेस इंजीनियरिंग’ विषय में पी.एच.डी. भी पूरा किया।