Hindi, asked by nkedia9091, 20 days ago

क) नर जीवन के स्वार्थ सकल
बलि हों तेरे चरणों पर माँ
मेरे श्रम-संचित सब फल​

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Answered by Anonymous
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Answer:

नर जीवन के स्वार्थ सकल

बलि हों तेरे चरणों पर, माँ

मेरे श्रम सिंचित सब फल।

जीवन के रथ पर चढ़कर

सदा मृत्यु पथ पर बढ़ कर

महाकाल के खरतर शर सह

सकूँ, मुझे तू कर दृढ़तर;

जागे मेरे उर में तेरी

मूर्ति अश्रु जल धौत विमल

दृग जल से पा बल बलि कर दूँ

जननि, जन्म श्रम संचित पल।

बाधाएँ आएँ तन पर

देखूँ तुझे नयन मन भर

मुझे देख तू सजल दृगों से

अपलक, उर के शतदल पर;

क्लेद युक्त, अपना तन दूंगा

मुक्त करूंगा तुझे अटल

तेरे चरणों पर दे कर बलि

सकल श्रेय श्रम संचित फल

Explanation:

Answered by ram589654d
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Answer:

hi is that mather sow god hay

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