India Languages, asked by priyasingh724ps, 8 months ago

के प्रसन्नाः अभवन्?​

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Answered by doddaboraiahpujari16
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Answer:

नमः संस्कृताय !

पिछले पाठ में आपने लुङ् लकार के प्रयोग सम्बन्धी नियम जाने। लुङ् लकार सामान्य भूतकाल के लिए प्रयुक्त होता है। आशा करता हूँ कि आपने इस लकार से सम्बन्धित नियमों को बुद्धि में स्थिर कर लिया है। आज लङ् लकार की चर्चा करते हैं। यह भी भूतकाल के लिए प्रयुक्त होता है, किन्तु निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

१) लङ् लकार अनद्यतन भूतकाल के लिए प्रयुक्त किया जाता है। ‘अनद्यतन भूतकाल’ अर्थात् ऐसा भूतकाल जो आज से पहले का हो।

जैसे –

वह कल हुआ था = सः ह्यः अभवत्।

वे दोनों परसों हुए थे = तौ परह्यः अभवताम्।

वे सब गतवर्ष हुए थे = ते गतवर्षे अभवन्।

जहाँ आज के भूतकाल की बात कही जाए वहाँ लङ् लकार का प्रयोग नहीं करना।

२) यदि लङ् लकार के रूप के साथ “मा स्म” का प्रयोग कर दिया जाय तो यह निषेध अर्थ वाला हो जाता है। जैसे – दुःखी मत होओ = खिन्नः मा स्म भवः।

ध्यान रहे जब “मा स्म” का प्रयोग करेंगे तो लङ् लकार के रूप के अकार का लोप हो जाएगा।

प्राचीन ग्रन्थों में “मा स्म” के साथ लुङ् लकार का भी प्रयोग देखा जाता है, जैसे – “क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ” (श्रीमद्भगवद्गीता २.३)

भू धातु लङ् लकार

अभवत् अभवताम् अभवन्

अभवः अभवतम् अभवत

अभवम् अभवाव अभवाम

Answered by BadassFuriousSam
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Why? Why not English?

It's always some other language

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