क) प्रत्यय और उपसर्ग की दो समानताएँ और दो असमानताएँ सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
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उपसर्ग और शब्द रहते हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में प्रयोग नहीं किया जाता। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनका कोई अलग विशेष महत्व नहीं है। यह मूल शब्द के शुरू में लग जाते हैं और शब्दों में विशेषता ले आते हैं।
जैसे
अ+धर्म= अधर्म
अप + मान = अपमान
उपसर्ग सार्थक शब्द के पहले लगते हैं और अर्थ में परिवर्तन ले आते हैं। इनका योगदान 4 भाषाओं में है।
हिंदी के उपसर्ग
संस्कृत के उपसर्ग
अंग्रेजी के उपसर्ग
उर्दू के उपसर्ग
प्रत्यय
जय भाषा के छोटे खंड रहते हैं। इनका अर्थ निकलता है। यह शब्द के अंत में जोड़कर नया शब्द बना देते हैं और उसमें विशेषता ले आते हैं। उदाहरण के तौर पर
लिख + आई =लिखाई
उपदेश + क= उपदेशक
यह शब्द वे है, जो सार्थक शब्दों के अंत में जुड़ते हैं और उनका अर्थ परिवर्तित हो जाता है। यह दो प्रकार के हैं-
कृत प्रत्यय
तद्धित प्रत्यय
जानने योग्य बातें
उपसर्ग के द्वारा अर्थ में नवीनता आती है।
उपसर्ग के द्वारा अर्थ में अंतर नहीं आता है।
उपसर्ग के द्वारा अर्थ में विपरीतता आती है।
Answer:
प्रत्यय और उपसर्ग की दो समानताएँ यह है कि दोनों कोई अर्थ प्रकाश नहीं करते और शब्द के साथ लगते है।
प्रत्यय और उपसर्ग की दो असमानताएँ यह है कि प्रत्यय शब्द के बाद लगता है और उपसर्ग शब्द के पहले।..
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