क) पुस्तकें पढ़ने की आदत पर निबंध
• पढ़ने की घटती प्रवृत्ति
• कारण और हानि
• पढ़ने की आदत से लाभ
Answers
Answer: (पढ़ने की घटती प्रवृत्ति )-ज्ञान की कोई सीमा नहीं है। अगर हम अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित कर लेते हैं तो भी हम तृप्त नहीं हो सकते क्यों कि ज्ञान की कोई पराकाष्ठा नहीं है। अध्ययन से हमें अनुभव एवं सूचना के रूप में ज्ञान प्राप्त होता है। दुर्भाग्यवश हमारे यहां भारत में पढ़ने की आदत बहुत कम है।
(कारण और हानि)-एक बार प्रसिद्ध भारतीय लेखक श्री मूल राज आनंद से यह प्रश्न पूछा गया कि हमारे देश में लोगों में अध्ययन की आदत कम होने के क्या कारण हैं तो उनका जवाब था कि भारत में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान का मौखिक सम्प्रेषण है। पाणिन्य शिक्षा का दावा है कि जिन्होंने लिखित पुस्तकों से पढ़ा वह ज्ञान के जिज्ञासुओं में सबसे निम्न स्तर पर थे।
(पढ़ने की आदत से लाभ)-परीक्षा की तैयारी के लिये विद्यार्थी उत्तम कोटि की पाठय पुस्तकों की अपेक्षा सस्ती एवं अधिक तनूकृत पुस्तकों से अध्ययन करते हैं। शिक्षण में विद्यार्थियों के आत्मसुधार एवं आत्मविकास पर बल देना चाहिये ताकि वह आने वाले जीवन के लिये तैयार हो सकें। आत्मसुधार के लिये पुस्तको से प्रेम एवं अध्ययन परम आवश्यक है। अध्ययन के लिये अच्छी पुस्तकों का चयन आवश्यक है। दुर्भाग्यवश बच्चों एवं व्यस्कों के लिये पुस्तकों का अभाव है।
Explanation:
पुस्तक पढ़ने की आदत कक्षा 10 के लिए