`(क) पुत्र की मृख के उपरांत पुम्रवा को दुसरा विवाह करने का आदेश देने से बालगांबिन भनत के व्यक्तित्व की कोन-सी किशेषता का पता चतता है?`
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दूसरी शादी पर क्या कहता है हिंदू मैरिज एक्ट हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार, शादी के समय वर या वधु पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए. कोई भी महिला और पुरुष दूसरी शादी तभी कर सकते हैं जब उनकी पहली शादी या तो रद्द हो चुकी हो, या पहले पार्टनर की मौत हो चुकी हो, या फिर उनके बीच तलाक़ हो चुका हो.
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