Hindi, asked by sharmakaushik2020, 6 months ago

कैप्टन चश्मे वाले की दुकान कैसी थी​

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Answered by ashi1532
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हालदार साहब को जब यह पता चलता है कि कैप्टन चश्मे वाले ने नेता जी की मूर्ति के अधूरेपन को अपने ढंग से पूरा किया है तो वे कैप्टन की देशभक्ति देखकर उसके आगे नतमस्तक थे। उनके दिल और दिमाग पर कैप्टन नाम सुनते ही एक फौजी की छवि अंकित हो गई थी। परंतु जब उन्होंने वास्तव में कैप्टन चश्मे वाले को देखा तो हैरान रह गए। कैप्टन चश्मे वाला एक दुबला-पतला बुढा था उसकी टांग नहीं थी। सिर पर गांधी टोपी थी। उसने आँखों पर काला चश्मा लगा रखा था। उसके एक हाथ में छोटी-सी संदूकची थी और दूसरे हाथ में एक बांस पर लटके हुए चश्मे थे। इस प्रकार कैप्टन चश्मे वाले का व्यक्तित्व हालदार साहब की सोच से भिन्न था।

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