Social Sciences, asked by saifimohsin5283, 5 months ago

कंप्यूटर का मसीन प्रयोग कहाँ-कहोगदै कि
हा
चार नम्का लगहों के नाम बदाउ​

Answers

Answered by arif4773
0

Answer:

lea pudh

Explanation:

दुनिया भर में अब तक के ज्ञात श्रोतों के आधार पर ये पाया गया है की शुन्य की खोज और प्रयोग का सर्वप्रथम प्रमाणित उल्लेख भारत के प्राचीन विख्यात खगोल शास्त्री और गणितज्ञ आर्यभठ्ठ के द्वारा रचित उनके गणितीय खगोलशास्त्र ग्रंथ" आर्यभठ्ठीय" के संख्या प्रणाली में लेखों में शून्य के विशिष्ट संकेत मिलते है सबसे पहले इनके ग्रन्थ में ही शून्य को सम्मिलित किया गया था बस तभी से संख्याओं को शब्दों के रूप में प्रदर्शित करने के प्रचलन आरम्भ हुआ।

एक भारतीय लेखक जिनका नाम पिंगला था उन्होंने (200 ई.पू.) में छंद आपने शास्त्र का वर्णन करने के लिए, आर्यभट्ट द्वारा विकसित गणितीय प्रणाली को विकसित किया था और दो आधारीय अंक प्रणाली बाइनरी नंबर प्रणाली (०,१) का सर्वप्रथम ज्ञात विवरण प्रस्तुत किया गया | इन जादुई अंको (० और १ ) का ही प्रयोग प्रथम कम्प्यूटर की संरचना के लिए मुख्य रूप से किया गया था।

आज की कम्प्यूटर शब्द का प्रयोग आधुनिक कंप्यूटर के निर्माण से बहुत पहले से ही होता रहा है। पहले सामान्य में जटील गणनाओं को हल करने में उपयोग होने वाली मशीनों को संचालित करने वाले विशेषज्ञ व्यक्ति को ही "कंप्यूटर" नाम से पुकारा जाता था| ऐसे कठिन अंकगणित के सवाल जिनको हल करना बहुत मुश्किल और अधिक समय लेने वाला होता था। इन सवालो को हल करनें के लिए विशिष्ठ प्रकार की मशीनों का आविष्कार किया गया समय के साथ-साथ इन मशीनों में अनेक प्रकार के बदलाव तथा सुधार किये गए। जब जाकर आधुनिक कंप्यूटर का वर्तमान स्वरूप प्राप्त हुआ ये ये ही आधुनिक कंप्यूटर आविष्कार का प्रारंभिक क्रम था।

लगभग ३००० ई.पु. में अबेकस (ABACUS) नामक गणना करने वाले एक विचित्र यन्त्र का उल्लेख मिलता है ये माना जाता है की इस यंत्र का अविष्कार चीन में हुआ था। ABACUS नमक यंत्र में कई छडें होती थी जिनमें कुछ गोले के आकर की रचनाये होती थी। जिनके माध्यम से जोड़ और घटने का कार्य किया जाता था। परन्तु इनसे अबेकस के द्वारा गुणन और विभाजन का कार्य नहीं किया जा सकता था। ये भी कंप्यूटर के विकास क्रम का एक भाग है। |

१६०० ई० से लेकर 1970 ई० के बिच का समय कंप्यूटर के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। जिस दौरान अनेक अविष्कार हुए जिनका सम्बन्ध कंप्यूटर विकास से है। जो कि निम्नप्रकार है।

(१) १६२२ ई० में महान विशेसज्ञ विलियम औघ्त्रेड ने एक यंत्र का निर्माण किया जिसे "स्लाइड रुल" के नाम से जाना जाता है।

(२) १६४२ ई० में महान वैज्ञानिक ब्लैज पास्कल नें "पास्कलिन" नमक एक यन्त्र का निर्माण किया जिसके द्वारा जोड़ने और घटना का कार्य किया जा सकत था।

(३) Leibniz's Stepped Reckoner or Stepped Reckoner:-

१६७२ ई० में गॉटफ्रीएड विल्हेल्म लाइब्निज़ (Gottfried Wilhelm Leibniz ) नमक वैज्ञानिक नेंलाइब्निज़ स्टेप रेकॉनर (Leibniz Step Reckoner or Stepped Reckoner) नामक एक कैलकुलेटर मशीन का निर्माण किया जिसके द्वारा जोड़, घटाना, गुना तथा भाग सभी प्रकार की गणनाएं करना सम्भवहुआ था।

(४) Difference Engine:-

१८२२ ई० में प्रसिद्ध वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज नें एक विचित्र विचित्र मशीन "डिफरेंशिअल इंजन" का निर्माण किया और फिर १८३७ ई० में एक और मशीन "एनालिटिकल इंजीन" का अविष्कार किया था जिसे वे धन की कमी के कारण पुरा नहीं कर सके थे। ये माना जाता है कि तभी से आधुनिक कंप्यूटर की शुरुवात हुई थी। इसी लिए वैज्ञानिक "चार्ल्स बैबेज" को "आधुनिक कंप्यूटर का जनक "कहाँ जाता है।

(५) Konrad Zuse - Zuse-Z3 Machine

१९४१ ई० में महान वैज्ञानिक "कोनार्ड जुसे" नें "Zuse-Z3" नमक एक अदभुत यंत्र का आविष्कार किया जो कि द्वि-आधारी अंकगणित की गणनाओ (Binary Arithmetic) को एवं चल बिन्दु अंकगणित गणनाओ (Floating point Arithmetic) पर आधारित सर्वप्रथम Electronic Computer था।

(6) Eniac:-

१९४६ में अमेरिका की एक सैन्य शौध शाला ने "ENIAC" (Electronic Numerical Integrator And Computer) नमक मशीन का निर्माण किया। जो कि दाशमिक अंकगणितीय प्रणाली (Decimal Arithmetic system ) संरचना पर आधारित था ये मशीन ही आगे चलकर सर्वप्रथम कंप्यूटर के रूप में प्रसिद्ध हुई जो कि आगे चलकर आधुनिक कंप्यूटर के रूप में विकसित हुई और आधुनिक कंप्यूटर के विकास का आधारबना।

(7) Manchester Small-Scale Experimental Machine

वर्ष १९४८ में Manchester Small-Scale Experimental Machine नाम का पहला ऐसा कंप्यूटर बनाया गया जो कि किसी भी प्रोग्राम को Vaccum Tube में संरक्षित (Save ) कर सकता था।

१. पहली पीढ़ी ( 1940-1956): - वैक्यूम ट्यूब

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में सर्वप्रथम वैक्यूम ट्यूब (Vacume Tube) नामक तकनीक का प्रयोग किया गया था। इन वेक्यूम ट्यूब की वजह से इन कंप्यूटर आकर बहुत बड़ा हो गया था। इनका आकर एक कमरे के जितना बड़ा था। कंप्यूटर का आकर बड़ा होने के कारण इन कंप्यूटर को चलने में बिजली की बहुत अधिक खपत होती थी। ये वेक्यूम ट्यूब बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करती थी तथा इन वैक्यूम ट्यूब की टूट फुट की सम्भावना अधिक रहती थी। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता था।

Similar questions