क- पवयतों को काटकर सडके बना देते ैं वे। सैकडों मरुभूलम में नहदयाीं ब ा देते ैं वे। गमय में िल रालश के बेडे चला देते ैं वे। िींगलों में भ म ामींगल रचा देते ैं वे। भेद नभ - तल का उन् ोंने ब ुत बतला हदया ैं उन् ोंने ी ननकाली तार की सारी कक्रया। सब तर से आि ब्ितने देश ैफूले फले बुदधध, ववदया, धन, वैभव के ैं ि ाीं डेरे डले। लोग िब ऐसे समय पाकर िन्म लेंगे कभ देश की और िानत की ोग भलाई भ तभ
। 1-कमयव र सडके क ाीं बनाते ैं?
2-कमयव र क्या करते ैं?
3-आकाश और पथ्ृ व का भेद ककसने बताया ै? 4-बुदधध, ववदया, धन, वैभव के ोने से क्या ोता ै? 5-कववता का उधचत श षयक क्या ोगा
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Sultan Firoz Shah Tughlaq (1309 – 20 September 1388) was a Muslim ruler of the Tughlaq dynasty, who reigned over the Sultanate of Delhi[1] from 1351 to 1388.[2][3] He succeeded his cousin Muhammad bin Tughlaq following the latter's death at Thatta in Sindh, where Muhammad bin Tughlaq had gone in pursuit of Taghi the ruler of Gujarat
Answer:
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टकर सडके बना देते ैं वे। सैकडों मरुभूलम में नहदयाीं ब ा देते ैं वे। गमय में िल रालश के बेडे चला देते ैं वे। िींगलों में भ म ामींगल रचा देते ैं वे। भेद नभ - तल का उन् ोंने ब ुत बतला हदया ैं उन् ोंने ी ननकाली तार की सारी कक्रया। सब तर से आि ब्ितने देश ैफूले फले बुदधध, ववदया, धन, वैभव के ैं ि ाीं डेरे डले। लोग िब ऐसे समय पाकर िन्म लेंगे कभ देश की और िानत की ोग भलाई भ तभ
कमयव र सडके क ाीं बनाते ैं?
2-कमयव र क्या करते ैं?