कृपया कोई बता सकता है कि "आदम का लहू" नामक कविता के कवि कोन है। जिसमें मुख्य कथन " अपनी पर आता हे जब आदम का लहू"
हैं ?
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Kalidas or Munsi Pream Chand
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गोपाल दास 'नीरज'
मायूस न हो ऐ मेरे वतन
आँसू से न धो ये लाल कफ़न
मिटकर भी नहीं मिट पाता है
आदम का लहू, आदम का लहू -२
आया बनकर गांधी
वो कभी आया बनकर गांधी
वो कभी जागा बनकर सुक्रात
कभी बोला बनकर मनसूर
कभी चीखा बनकर फ़रहाद
कभी सौ भेस बदलकर आता है
आदम का लहू, आदम का लहू -२
हिंदू वो नहीं, मुसलिम वो नहीं -२
इनसान रे बस इनसान है वो
नफ़रत जो करे शैतान है वो
ग़र प्यार करे भगवान है वो
अटरे (??) में समंदर लाता है
आदम का लहू, आदम का लहू
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