कार्बन डाइऑक्साइड की अपेक्षा कार्बन मोनोऑक्साइड अधिक खतरनाक क्यों है? समझाइए।
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कार्बन डाइऑक्साइड की अपेक्षा कार्बन मोनो ऑक्साइड अधिक खतरनाक है ,इसे निम्न प्रकार से समझाया गया है।
•कार्बन मोनोऑक्साइड एक रंगीन तथा गंध हीन गैस है ।यह श्वसनिय प्राणियों के लिए हानिकारक है।यह कार्बन के अपूर्ण दहन के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होती है।इसमें विभिन्न अंगों तथा उत्तकों के लिए दी जाने वाली ऑक्सीजन के प्रवाह को रोकने का सामर्थ्य होता है।
•कार्बन डाइऑक्साइड विषैली इसलिए होती है क्योंकि यह हीमोग्लोबिन के साथ ऑक्सीजन की अपेक्षा अधिक प्रबलता से संयुक्त हो जाती है।तथा काबॉक्सी हीमोग्लोबिन बनाती है। जो ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन से लगभग 300 गुना अधिक स्थाई
संकुल है।जब रक्त में कार्बॉक्सी हीमोग्लोबिन की मात्रा 3- 4% तक पहुंच जाती है तो रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता काफी कम हो जाती है।ऑक्सीजन की इस न्यूनता से सिरदर्द, नेत्र दृष्टि की क्षीणता , तंत्रिकीय आवेग में कमी, हृदय वाहिका में तंत्र अवस्था की विसंगतियां हो जाती हैं। इसी कारण लोगो को धूम्रपान न करने की सलाह दी जाती है।
•गर्भवती महिलाओं में रक्त में CO की बड़ी मात्रा काल पूर्व जन्म , स्वत गर्भपात एवं बच्चो में विरूपता का कारण है।